आप ही बताइए नाली V/S नाला क्या था रहवासी के लिए आवश्यक..?

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बामनिया@जितेंद्र बैरागी
बामनिया के प्रिंस प्रशांत मार्ग के अंतिम छोर पर एक 10 लाख लागत का पूल ग्राम पंचायत बामनिया द्वारा स्वयं निर्माण करवाया जा रहा है। पूल निर्माण के पश्चात भी वाहन गुजरे सके इस स्थिति में आगे का मार्ग अभी नहीं है। क्योंकि वर्तमान में बिजली पाडा फलिये मे जाने के लिए ग्रामीण रेलवे पूल के पास से गुजर रहे मार्ग का उपयोग कर रहे हैं। निर्माण धारी पुल के बारे में कई पंचों को जानकारी तक नहीं है।
प्रिंस प्रशांत मार्ग के निर्माण से नाली अभी भी अधूरी।
पेटलावद 12 सितंबर 2015 ब्लास्ट के दर्दनाक हादसे में बामनिया ने अपने दो होनहार बच्चों को खोया है। जिनकी याद में तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके परिजनों की सहमति से उनकी स्मृति में नारेला मार्ग पर नया रोड बनाते हुए। बच्चों को सदैव याद रखने के लिए प्रिंस प्रशांत मार्ग का नाम दिया। उस समय भी सुविधाजनक मार्ग के साथ दोनों ओर नाली का प्रस्ताव पास हुआ था। परंतु आज तक मार्ग पर नालियों का निर्माण नहीं हुआ।
देश की आजादी के बाद से अब तक नहीं बनीं नालीया।
बामनिया मे प्रिंस प्रशांत मार्ग की मुख्यता दर्शाने के लिए बामनिया के हृदय से तुलना कर सकते हैं। परंतु इसी हृदय के टुकड़े की (रहवासीयो की मांग) आवाज जो कि आज तक ग्राम पंचायत बामनिया के कान तक नहीं पहुंच पा रही। जबकि पुरे मार्ग के लोग बीजेपी समर्थक है। इसी वार्ड से बीजेपी को हर चुनाव के दौरान लीड मिलती है। हर बार पंचायत चुनाव में रहवासीयो की यही मुख्य मांग पूरा करने का वादा प्रत्याशी द्वारा किया जाता है। पर हवाई चुनावी वादों का क्या हमेशा नतीजा शून्य होता है। और आज तक मांग केवल मांग के रूप में खड़ी है।
100 घरों को आफत का सामना।
इस मार्ग पर करीब 100 परिवार निवास रथ है। जिनको नाली ना होने से गंदी बदबू,मच्छर और बारिश का पानी घरों में घुसने जैसी समस्या से जूझ रहे हैं। रहवासीयो ने कई बार जिले से आए बड़े जनप्रतिनिधि विधायक, सांसद, जैसी बड़ी हस्तियों के सामने भी मांग को रखते हुए। अपनी परेशानियों से अवगत कराया चुके हैं। परंतु आज तक जाने के बाद किसी ने इस समस्या की ओर मुड़कर नहीं देखा।
इनका कहना है।
वार्ड 6 की मेंबर सुमित्रा भटेवरा का कहना है। में तीसरी बार में वार्ड मेंबर बनी हूं।नाली निर्माण की रहवासियों की मांग को शक्ति के साथ हर बार ग्राम सभा में रखतीं हूं।
रहवासी सुशील वागरेचा का कहना है। यह वर्षों पुरानी मांग है। विकास कार्य के लिए रहवासी स्वेच्छा से साथ देंगे। यदि कोई नहीं मानेगा तो सभी समझाइश देंगे।
रहवासी विमल मेहता का कहना है। नालिया नहीं होने के कारण पानी निकासी को लेकर कई बार आसपास के लोगों में विवादित स्थिति भी बन जाती है। जो की नाली निर्माण के बाद फिर ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होगी।
रहवासी अशोक पटवा का कहना है। सभी मकानों के पीछे नाली बनना चाहिए। जिसके लिए पर्याप्त जगह है।
रहवासी ओमप्रकाश बुंदेला का कहना है। ग्राम पंचायत द्वारा जिस मार्ग पर चार-पांच मकान है, उस मार्ग पर भी रोड़ ओर नाली निर्माण कर दिया गई है। परंतु इस मार्ग की इतने लंबे समय से उपेक्षा क्यों की जारी है समझ से परे है।
रहवासी संजय भटेवरा का कहना है। अधिकतर इस मार्ग पर व्यापारी वर्ग रहते हैं। जो सरकार के अलावा समय पर ग्राम पंचायत को टैक्स अदा करते हैं। उसके बाद भी यहां के रहवासी नाली की सुविधा से 70 साल से वंचित।
बामनिया सरपंच रामकन्या मखोड का कहना है। इस सत्र में प्रिंस प्रसाद मार्ग पर नाली का निर्माण करवा दिया जाएगा।