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रायपुरिया@राजेश राठौड़
ग्राम मातापाड़ा स्थित मां भद्रकाली मंदिर प्रांगण में आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का भव्य समापन श्रद्धा और भक्ति के वातावरण में संपन्न हुआ। कथा के अंतिम दिन श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। इस अवसर पर शूरवीर तेजाजी महाराज एवं शिव परिवार की मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा विधिवत रूप से सम्पन्न हुई। साथ ही चार दिवसीय पंचकुंडी यज्ञ का आयोजन भी हुआ।
इस सात दिवसीय धार्मिक आयोजन का आयोजन ग्रामवासियों द्वारा किया गया, जिसमें पूरे गांव ने तन, मन और धन से भागीदारी निभाई। एक छोटे से गांव में इतना भव्य आयोजन अपने आप में अनुकरणीय और गर्व का विषय रहा।
कथा वाचक पं. बालकृष्ण नागर ने अंतिम दिन अपने प्रवचनों में कहा, “मित्रता कृष्ण और सुदामा जैसी होनी चाहिए। सुदामा ने कभी भी भगवान कृष्ण से कुछ नहीं मांगा, फिर भी भगवान ने उन्हें बिना मांगे ही सब कुछ दे दिया। आज ऐसी मित्रता दुर्लभ हो गई है।”
समापन दिवस पर मध्यप्रदेश शासन की कैबिनेट मंत्री सुश्री निर्मला भूरिया और जनपद अध्यक्ष रमेश सोलंकी विशेष रूप से उपस्थित रहे। ग्रामवासियों की मांग पर मंत्री भूरिया ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं कीं:
रायपुरिया-पेटलावद मार्ग से माता पाड़ा तक नवीन सड़क निर्माण
मंदिर प्रांगण तक सामुदायिक भवन हेतु 25 लाख रुपये की स्वीकृति
पेयजल व्यवस्था के लिए दो टैंकर उपलब्ध कराने की घोषणा
भविष्य में इस क्षेत्र को धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाएगा
कथा के समापन पर विशाल भंडारे का आयोजन हुआ, जिसमें लगभग दो हजार श्रद्धालुओं ने प्रसादी ग्रहण की। पं. बालकृष्ण नागर ने घोषणा की कि आगामी पांच वर्षों तक अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर मंदिर प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा और प्राण प्रतिष्ठा समारोह का आयोजन किया जाएगा।