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ऐतिहासिक कलश यात्रा में 2100 से अधिक महिलाएं कलश लेकर 3 किमी पैदल चली,,,3500 से अधिक लोगों ने मिलकर सामूहिक हनुमान चालिसा पाठ कर भक्ती की,,4000 से अधिक श्रद्वालुओं ने महाप्रसादी भंडारे का लाभ लिया..!

5 नवाचार (इनोवेशन) किए गए हैं, जो पारंपरिक सोच से हटकर थे।

शक्ति संग भक्ति चलो थीम पर आधारित सांस्कृतिक प्रस्तुति दी़ गई।

#Jhabuahulchul 

पेटलावद डेस्क। हनुमान जन्मोत्सव पर नगर में भव्य एतिहासीक, पारपंरिक और एक जैसी वेशभूषा में 2100 महिलाओं का लक्ष्य ले कर निकाली गई कलश यात्रा में 1800 से अधिक महिलाएं कलश लेकर चल रही थी तो 300 बालिकाएं सफेद वेश भूषा में शक्ति के नो स्वरूपों के साथ हमारी विरांगनाओं के फोटो लेकर चल रही थी। वहीं भारतीय मूल की सुनिता विलयम्स जिन्होंने अंतरीक्ष में सफलता पूर्ण कई दिवस बिताये उनकी तस्वीर ले कर भी चल रहे थे। कलश यात्रा की शुरुआत के साथ विभिन्न भागों में बटी यात्रा में महिला शक्ति के विभिन्न रूपों (जैसे -मां दुर्गा, रानी लक्ष्मीबाई, झलकारी बाई, अहिल्याबाई होल्कर आदि) को स्थानीय महिलाएं जीवंत रूप में प्रस्तुत कर रही थी। हनुमान जी के जन्मोत्सव पर शक्ति और भक्ति का संगम दिखाई दिया।शत्रुहंता सूर्यमुखी हनुमान मंदिर समिति के तत्वाधान में निकाली गई ऐतिहासीक कलश यात्रा का नगर में विभिन्न स्थानों पर स्वागत हुआ। कलश यात्रा को सफल बनाने में मातृशक्ति दुर्गा वाहीनी का विशेष सहयोग रहा। मातृशक्ति दुर्गा वाहीनी के मुख्य कार्यकर्ताओं ने पूरी कलश यात्रा की कमान संभाली और कलश यात्रा का संचालन किया। सुबह 5 बजे से भगवान हनुमान जी की विशेष पूजा अर्चना और यज्ञ का आयोजन किया गया। जिसका लाभ मुख्य यजमान के रूप में आकाश चौहान ने लिया।

हर कदम, हर व्रत, बेटी के नाम मिशन

इस यात्रा को बेटियों के स्वास्थ्य और शिक्षा को समर्पित किया गया। सभी महिलाएं अपने कलश पर अपनी बेटी या गांव की किसी बेटी का नाम लिखे हुए थे और संकल्प लें रही थी कि वो उसके उज्ज्वल भविष्य के लिए कार्य करेंगी। इससे यात्रा को सामाजिक संदेश मिला और यह महिला सशक्तिकरण की ओर बड़ा प्रयास रहा।

विभिन्न संगठनों ने स्वागत किया

कलश यात्रा का शुभारंभ सुबह 8.30 बजे स्थानीय निलकंठेश्वर महादेव मंदिर से हुआ यात्रा का स्वागत सर्वप्रथम भंडारी व मोदी परिवार ने उसके पश्चात पुराना बस स्टेंड पर नगर परिषद के पार्षदों ने पुष्पवर्षा कर स्वागत किया इसके पश्चात पुराना नाका मित्र मंडल ने कुल्फी वितरण किया वहीं ब्राम्हण समाज पेटलावद और लायंस क्लब पेटलावद सेंट्रल ने सांई मंदिर के समीप पुष्प् वर्षा कर स्वागत किया। जनपद अध्यक्ष रमेश सोलंकी व वहीं रायल केफे और सेवाभारती की ओर से हरिओम पाटीदार द्वारा भी स्वागत किया। वहीं मंदिर पर ओपी चोयल परिवार द्वारा और रूपगढ सीर्वी समाज के द्वारा भी स्वागत किया गया। इस मौकें पर स्वागत का लाभ कन्हैयालाल राठौड परिवार ने भी लाभ लिया।

हनुमान चालीसा की 3500 महिलाओ के साथ सैकडो स्वर-गूंज पूरे क्षेत्र में गुजायमान हुई।

3500 महिलाओं के साथ सैकडों लोगों की आवाज़, शक्ति की भक्ति का नया आगाज थीम पर हुआ। सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ का लाभ लगभग 3500 श्रद्वालुओं ने लिया। इस ऑडियो को बाद में क्षेत्र के प्रमुख मंदिरों और सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जाएगा। सामूहिक हनुमान चालीसा के पाठ के पूर्व किर्ती स्तंभ पर नवीन ध्वजा को लगाया गया।जिसका लाभ नगर निरीक्षक दिनेश, रूपा शर्मा ने लिया। इसके पश्चात 10.30 बजे महाप्रसादी भंडारा प्रारंभ हुआ। जिसका लाभ 4000 से अधिक श्रद्वालुओं ने लिया।

पैदल यात्रा के हर पड़ाव पर लोक कलाओं का प्रदर्शन हुआ।

यात्रा में झाबुआ जिले की जनजातीय परंपरा को दिखाते हुए हर 200 मीटर पर भीली गीत, आदिवासी नृत्य, मांदल गायन, आदि की प्रस्तुति हो रही थी। इससे परंपरा और आधुनिकता का सुंदर समन्वय दिखाई दिया। और संपूर्ण यात्रा की सबसे महत्वपूर्ण बात यह रही किसी भी प्रकार का शोरगुल डीजे बैंड माइक आदि से यह पूरी यात्रा दूर रही।

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