गुरुकुल की मर्यादा का हनन,,,जिले में पहली से आठवीं कक्षा तक 253 निजी स्कूल है,,,15 से 20 पेज के नियम कायदे, आप पैसे दो, कई मुख्य खामियों के बावजूद मंजूरी केसे देना है, विभाग देखे लेगा,,कागजों पर सबकुछ ठीक, जमीनी हकीकत कुछ, और..!

#Jhabuahulchul
झाबुआ@जितेंद्र बैरागी ✍🏻
झाबुआ जिले में करीब 253 निजी मिडिल स्कूल संचालित हो रहे हैं। स्कूल की मान्यता देने से पहले संबंधित विभाग के मुख्यालय द्वारा बच्चों की सुरक्षा, सेहत, एवं उच्च शिक्षा को देखते हुए। 15 से 20 पेज के आवेदक्कर्ता को आवेदन दिया जाता है। जिसका सभी विकासखंड खंड स्रोत समन्वयक अधिकारी के द्वारा आवेदन में दी हुई जानकारी के दस्तावेजों का सत्यापन करने में अहम भूमिका रहती है।
परंतु इतनी जटिल प्रक्रिया होने के बाद भी। जिले में कई स्कूल ऐसे हैं जिनके पास खेल मैदान नहीं है। स्कूल पहुंचने का मार्ग बहुत संकरा होता है। जिससे आपदा के समय इमरजेंसी वहां नहीं पहुंच पाए। बहुत कम क्षेत्रफल वाले भवन के छोटे-छोटे कमरों में कक्षाएं लगाई जा रही है।
जिले में कई जगह ऐसी स्कूल भी संचालित हो रही है। जिनकी मान्यता प्राप्त सूची में नाम तक अंकित नहीं है।
गुरुकुल की मर्यादा का हनन।
अधिकतर निजी स्कूलों ने शिक्षा को एक व्यवसाय बना लिया है, जिससे गुरुकुल की मर्यादा और शिक्षा के मूल उद्देश्य का हनन हो रहा है। इन स्कूलों में सुविधाओं की कमी और मनमानी फीस वसूली आम बात हो गई है।