रक्षाबंधन पर बाजार में खुले पैसों की किल्लत,,व्यापारियों और ग्राहकों को हो रही भारी परेशानी,,बैंकों से भी नहीं मिल रहे 5 और 10 के सिक्के,,लेन-देन में आ रही रुकावट..!

Jhabuahulchul
रायपुरिया@राजेश राठौड़
रक्षाबंधन जैसे बड़े त्योहार के नजदीक आते ही रायपुरिया सहित आस-पास के बाजारों में रौनक तो बढ़ गई है, लेकिन छोटे नोटों और सिक्कों की किल्लत ने व्यापारियों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। विशेषकर 5 और 10 रुपए के सिक्के एवं छोटे नोट बाजार से लगभग गायब हो गए हैं, जिससे दुकानदारों से लेकर ग्राहकों तक सभी परेशान हैं।
बाजार में खरीदारी के दौरान ग्राहकों के पास जब खुले पैसे नहीं होते तो दुकानदार उन्हें सामान देने में हिचकते हैं। कई होटल और किराना दुकानों पर तो यह स्थिति आ गई है कि ग्राहक से पहले ही पूछा जाता है – “खुले पैसे हैं क्या?” यदि नहीं, तो सामान देने से मना कर दिया जाता है। वहीं व्यापारी भी कहते हैं कि ग्राहक पहले सामान खरीद लेते हैं और बाद में बड़ा नोट निकालते हैं, जिससे खुला पैसा लौटाना मुश्किल हो जाता है। इस कारण आए दिन कहासुनी और बहसबाजी की नौबत आ रही है।
कुछ दुकानदारों ने तो मजबूरी में सिक्कों का अलग से बटुआ बनाकर रखना शुरू कर दिया है। एक व्यापारी ने बताया कि ग्राहकों से रोज झगड़े हो रहे हैं, क्योंकि बैंक से भी खुला पैसा नहीं मिल रहा। “हम बैंकों में बार-बार चक्कर काटते हैं, लेकिन वहां भी 5 और 10 रुपए के सिक्के नहीं मिलते,” उन्होंने बताया।
स्थानीय व्यापारियों का कहना है कि त्योहारों के समय जब व्यापार बढ़ता है, तब इस तरह की नकदी समस्या से कामकाज बुरी तरह प्रभावित होता है। साथ ही ग्राहकों को भी असुविधा होती है।
व्यापारियों और आम लोगों ने मांग की है कि रक्षाबंधन जैसे महत्वपूर्ण पर्व को ध्यान में रखते हुए बैंक प्रबंधन को खुले पैसों की पर्याप्त व्यवस्था करनी चाहिए, ताकि लेन-देन में सुगमता बनी रहे और व्यापार सामान्य रूप से चलता रहे।