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झाबुआ@हरीश यादव ✍🏻
संभागायुक्त दीपक सिंह ने विभिन्न शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में लापरवाही बरतने, समय-समय पर चेतावनी दिये जाने के बावजूद भी अभद्र और अशोभनीय व्यवहार करने पर झाबुआ जिले के पेटलावद में पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के तत्कालीन प्रभारी ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ सुरेश कटारा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्यवाही कलेक्टर झाबुआ से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर की गई है।
झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना के प्रतिवेदन के अनुसार गत फरवरी माह में कलेक्टोरेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक का आयोजन किया गया था। जिसमें स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं एवं कार्यक्रमों की समीक्षा की गई थी। इस दौरान विकासखंड पेटलावद में शेष आयुष्मान कार्ड बनाये जाने की संख्या में भिन्नता होने से डॉ सुरेश कटारा प्रभारी ब्लाक मेडिकल आफिसर पेटलावद जिला झाबुआ से इस संबंध में चर्चा करने पर उनके द्वारा संतोषजनक उत्तर नहीं दिया गया। बैठक में कलेक्टर नेहा मीना से अभद्रता की गई, जिससे बैठक में व्यवधान उत्पन्न हुआ। डॉ सुरेश कटारा ने बैठक में की गई अभद्रता अशोभनीय व शासकीय सेवक से अपेक्षित नहीं होकर अमर्यादित था।
इसके अतिरिक्त डॉ सुरेश कटारा की कार्यप्रणाली विकासखंड पेटलावद में भी ठीक नहीं होने से पूर्व में भी कारण बताओं सूचना पत्र जारी किये गए। उनकी निरन्तर अनुत्तरदायी कार्यशैली के कारण विभागीय योजनाओं की समीक्षा करने में अनावश्यक व्यवधान बना रहा व शासन द्वारा अपेक्षित परिणाम प्राप्त होने में सफलता प्राप्ति में कठिनाई आई। इन्हें वरिष्ठ अधिकारीयों ने भी समय-समय पर चेतावनी देने के पश्चात् भी इनके कार्य व्यवहार में कोई सुधार परिलक्षित नहीं हुआ। इनके कार्यों की विस्तृत जांच हेतु 04 सदस्यीय जांच दल गठित किया गया। इनसे प्राप्त जांच प्रतिवेदन अनुसार डॉ सुरेश कटारा ने अनुशासनहीनता के साथ वित्तीय अनियमितता पाई गई और अनुशासनात्मक कार्यवाही किये जाने के संबंध में लेख किया गया। इस प्रतिवेदन पर कलेक्टर नेहा मीना ने संभागायुक्त को पत्र भेजकर कार्यवाही प्रस्तावित की। जिस पर संभागायुक्त दीपक सिंह ने डॉ सुरेश कटारा को तुरंत निलंबित कर दिया है।




