एसपी साहब,,एक नज़र इधर भी,,,बच्चों की सुरक्षा भगवान भरोसे,,,ना लाइसेंस, ना फिटनेस फिर भी दौड़ रहे हैं बच्चों से ठसाठस भरे वाहन और बसें..!

#Jhabuahulchul
खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया/आयुष पाटीदार
झाबुआ जिले के खवासा क्षेत्र से बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बेहद चिंताजनक तस्वीर सामने आई है। यहां स्कूली बच्चों की जिंदगी पूरी तरह भगवान भरोसे नजर आ रही है। ग्रामीण इलाकों से रोजाना दर्जनों मासूम बच्चे बिना किसी सुरक्षा व्यवस्था के लोडिंग वाहनों और बसों की छतों पर सफर करने को मजबूर हैं।
बच्चे बस की छतों पर बैठे हैं, कुछ गाड़ियों के किनारों और पीछे लटककर सफर कर रहे हैं। जरा-सी चूक जानलेवा साबित हो सकती है, लेकिन प्रशासन आंख मूंदे बैठा है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि स्कूल आने-जाने के लिए बच्चों के पास कोई सुरक्षित साधन नहीं है। मजबूरी में वे ओवरलोड वाहनों और बसों में ठूंसे जाते हैं। कई बसों की छतों पर 15–20 तक बच्चे बैठे देखे जा सकते हैं, जो हर मोड़ और झटके के साथ अपनी जान दांव पर लगाए रहते हैं।
सबसे गंभीर बात यह है कि कई वाहन नाबालिग चालक चला रहे हैं, जिनके पास न लाइसेंस है और न ड्राइविंग का अनुभव। अधिकांश लोडिंग वाहन और बसें बिना फिटनेस सर्टिफिकेट व परमिट के दौड़ रही हैं, लेकिन न तो आरटीओ की कोई जांच हो रही है, न ही पुलिस प्रशासन की कोई कार्रवाई।
इन वाहनों को सबसे अधिक बाजना मार्ग, खेरियापाड़ा मार्ग, थांदला मार्ग और बामनिया मार्ग पर देखा जा सकता है। यहां तक कि पुलिस चौकी के सामने से भी ये वाहन दिनभर गुजरते हैं, लेकिन किसी अधिकारी की नजर नहीं पड़ती।
क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है..? क्या बच्चों की सुरक्षा का इंतजाम तब होगा जब कोई दुखद घटना घट जाएगी..?




