बाहर से टीम आने से पहले ही चमक उठा अस्पताल,,,ग्रामीण बोले–क्यों नहीं हमेशा रहती ऐसी व्यवस्था..?

#Jhabuahulchul
खवासा@आयुष पाटीदार/आनंदीलाल सिसोदिया
नई दिल्ली से स्वास्थ्य विभाग की टीम आने की खबर लगते ही खवासा के स्वास्थ्य केंद्र का नजारा ही बदल गया। अस्पताल में अचानक से सफाई अभियान शुरू हुआ, जहां चारों तरफ गंदगी फैली रहती थी, वहां झाड़ू–पोछा चलने लगा। दीवारों पर रंग–पुताई कर अस्पताल को चमकाया गया। वहीं जहां पानी के नल खराब थे, उन्हें नए सिरे से लगाया गया और जहां बिजली की सुविधा बंद पड़ी थी, वहां लाइट सुधारकर चालू कर दी गई।

अचानक आई इस सफाई और मरम्मत की रफ्तार को देखकर ग्रामीण हैरान रह गए। ग्रामीणों का कहना है कि अगर अस्पताल हमेशा इसी तरह साफ–सुथरा और सुविधाओं से भरपूर रहे तो मरीजों और परिजनों को कितनी राहत मिले। लेकिन अफसोस की बात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी केवल तब ही सजग दिखते हैं, जब कोई बड़ी टीम बाहर से निरीक्षण के लिए आती है। उसके बाद फिर से अस्पताल उसी बदहाल स्थिति में लौट आता है।

ग्रामीणों ने तंज कसते हुए कहा कि स्वास्थ्य केंद्र का ये मेकओवर सिर्फ “दिखावे की सफाई” है। असली चुनौती तो यह है कि यहां रोजाना मरीजों को बेहतर सुविधा मिले। अब बड़ा सवाल यही है कि क्या खवासा का स्वास्थ्य केंद्र अब भी इसी तड़क–भड़क और साफ–सफाई में रहेगा, या फिर टीम जाते ही पहले की तरह गंदगी और अव्यवस्था का शिकार हो जाएगा…?
गोपनीय निरीक्षण का मकसद ही खत्म..!
अब सवाल यह भी उठता है नई दिल्ली या राज्य मुख्यालय से जब कोई निरीक्षण टीम भेजी जाती है, तो उसका उद्देश्य होता है। जमीनी हकीकत देखना बिना तैयारी, बिना दिखावे के लेकिन अगर टीम के आने की खबर पहले से ही “लीक” हो जाए, तो अस्पताल या कार्यालय पहले से सफाई, मरम्मत, और दिखावे की तैयारी कर लेता है। इससे असली तस्वीर छिप जाती है।





