खवासा

36 दिन का अखंड पाठ पूर्ण,,हनुमान मंदिर पर यज्ञ,,झांकियों और छप्पन भोग के साथ मना जन्माष्टमी पर्व,,नव वस्त्र और आभूषणों से सजा राम जानकी दरबार.!

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खवासा@आयुष पाटीदार/आनंदीलाल सिसोदिया 

बस स्टैंड स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर पर 36 दिन से चल रहे अखंड रामायण पाठ का समापन शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के पावन अवसर पर हुआ। इस अवसर पर यज्ञ, हवन, झांकियां और छप्पन भोग के साथ जन्माष्टमी का पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया।

अखंड रामायण पाठ की पूर्णाहुति

हनुमान मंदिर में हो रहे अखंड रामायण पाठ के 50 वर्ष पूर्ण होने पर जन्माष्टमी के दिन विशेष यज्ञ का आयोजन किया गया। हवन में बैठने के लिए जन्माष्टमी से 3 दिन पूर्व गोटी निकाली गई, जिसमें मूलचंद केशरीमल चौहान का नाम आया। जन्माष्टमी की सुबह पंडित ओमप्रकाश दुबे के सानिध्य में अशोक व्यास, कैलाश भट्ट, कमलेश छोत्रिय, चेतन त्रिवेदी एवं मंदिर पुजारी विकाश वैरागी द्वारा मंत्रोच्चार के बीच हवन सम्पन्न हुआ। हवन की पूर्णाहुति शाम 5 बजे की गई, जिसमें समिति के सदस्यों व नगर के गणमान्य नागरिकों ने आहुति दी। इसके उपरांत हनुमानजी को छप्पन भोग अर्पित किया गया और प्रसादी का वितरण हुआ।

आकर्षक झांकियां और शोभायात्रा

शाम 8 बजे मंदिर प्रांगण से आकर्षक झांकियों का जुलूस निकाला गया। इसमें बालक-बालिकाओं ने भगवान राम-सीता, लक्ष्मण, राधा-कृष्ण, भोलेनाथ और हनुमानजी के रूप धारण कर नगरवासियों का मन मोह लिया। गाजे-बाजे और नाचते-गाते श्रद्धालुओं के साथ यह शोभायात्रा जैन मंदिर, नीम चौक, राम मंदिर, पाटीदार मोहल्ला, गणेश मंदिर मार्ग से होते हुए पुनः हनुमान मंदिर पहुंचकर सम्पन्न हुई। जहां संकट मोचन मित्र मंडल द्वारा फरियाली खिचड़ी की व्यवस्था भी की गई।

नगर के बड़े तालाब के पास स्तिथ खेड़ापति हनुमान मंदिर पर भी सावन मास से प्रतिदिन 1-1 रामायण पाठ का वाचन किया गया था एवं जन्माष्टमी पर आचार्य ऋषिकांत शर्मा द्वारा यज्ञ करवाया गया यज्ञ में बैठने का लाभ शंभू लाल चौहान द्वारा लिया गया ।

कृष्ण मंदिरों में विशेष सजावट व आयोजन

नगर के बाजना रोड स्थित गोपाल मंदिर एवं नीम चौक स्थित कृष्ण मंदिर पर जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। अलसुबह से ही मंदिरों में भक्तों की लंबी कतारें लग गईं। रात्रि 12 बजे भगवान कृष्ण की महाआरती कर उन्हें छप्पन भोग अर्पित किया गया और महाप्रसादी का वितरण हुआ। देर रात तक धार्मिक उत्सव चलता रहा। इस अवसर पर गोपाल मंदिर पर जन्मोत्सव के उपलक्ष में मिल्क केक भी काटा गया। विशेषकर महिलाओं ने दिनभर उपवास रखकर कृष्णजी की पूजा-अर्चना की।

राम मंदिर पर भी हुआ विशेष आयोजन..!

नगर के प्राचीन नवनिर्मित राम मंदिर पर भी जन्माष्टमी पर्व बड़े धूमधाम से मनाया गया। सुबह बैंड-बाजों के साथ शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। इस अवसर पर राम-जानकी दरबार, मां अंबे और उमिया माताजी को पाटीदार समाज की ओर से नव वस्त्र एवं आभूषण धारण कराए गए। साथ ही छप्पन भोग अर्पित कर धर्म ध्वजा मंदिर पर चढ़ाई गई। राम मंदिर पर रात्रि 12 बजे आरती कर मटकी फोड़ का आयोजन भी किया गया। जिसमें छोटे-बड़े सभी बच्चों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

 

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