एसपी साहब, जब ट्रैफिक पुलिस ही सुरक्षित नहीं.. जेसे कभी कलेक्टर तो कभी ट्राफिक पुलिस होते दुघर्टना के शिकार,,,कब लगेगी नियमों तोड़ने वाले पर लगाम,,,तेज रफ्तार बाइक सवारों का आतंक जिले से लेकर गांव की गलियों तक,,,क्या घटना से सबक लेगी झाबुआ पुलिस..?

#Jhabuahulchul
झाबुआ हलचल ✍🏻
तेज रफ्तार और लापरवाही की सवारी अब जानलेवा बन चुकी है। जिले से लेकर गांव की गलियों तक बेखौफ घूम रहे बाइक सवार मनचलों का आतंक दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। हालात ऐसे बन चुके हैं कि अब खुद ट्रैफिक व्यवस्था संभाल रहे पुलिसकर्मी भी सुरक्षित नहीं हैं।
आज की ही बात करे तो झाबुआ में अनाज मंडी के सामने रविवार को शहर में ट्रैफिक ड्यूटी पर तैनात एक पुलिस जवान को तेज रफ्तार बाइक सवार ने जोरदार टक्कर मार दी। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक बाइक की रफ्तार इतनी अधिक थी कि पुलिसकर्मी संभल नहीं पाए और सड़क पर गिर पड़े। उन्हें गंभीर चोटें आईं और आनन-फानन में अस्पताल ले जाया गया।
इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है — जब ट्रैफिक नियंत्रण में लगे जवान ही सुरक्षित नहीं हैं, तो आम नागरिक खुद को कैसे सुरक्षित महसूस करें?
बिना नंबर प्लेट, बिना लाइसेंस, बिना डर सड़कों पर बिना नंबर प्लेट की बाइकें दौड़ रही हैं। बहुत से युवाओं के पास न लाइसेंस है, न हेलमेट, और न ही किसी कानून का डर। महंगी गाड़ियों पर सवार ये मनचले ट्रैफिक नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए सरेआम फर्राटा भरते नजर आते हैं।
पुलिस-प्रशासन लेगा सबक..?
यह घटना केवल एक हादसा नहीं, बल्कि सिस्टम के लिए एक चेतावनी है। सवाल यह है कि क्या झाबुआ पुलिस अब कोई ठोस कदम उठाएगी? क्या ऐसे लापरवाह चालकों पर सख्त कार्रवाई होगी? क्या गांव-शहर सभी क्षेत्रों में ट्रैफिक नियमों की सख्ती से निगरानी की जाएगी..?