वाह रे दोगली ग्राम पंचायत……….दलितों को आवंटित सामुदायिक भवन पर पंचायत खुद करवा रही है अवैध कब्जा…………. एसडीएम ने रुकवाया था अतिक्रमण, शिकायत के बाद भी नायब तहसीलदार ने नही की कार्यवाही।
खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया
थांदला जनपद क्षेत्र के अंतर्गत ग्राम खवासा में दलितों के लिए बामनिया मार्ग पर एक सामुदायिक भवन आवंटित किया गया है। उपरोक्त भवन पर अनुसूचित जाति के लोग छोटे मोटे कार्यक्रम करते आ रहे है, जिससे उन्हे अन्य तरह के अतिरिक्त शुल्क देकर आर्थिक स्थिति का सामना ना करना पड़े। लेकिन अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आवंटित भवन स्थानीय ग्राम पंचायत को रास नही आ रहा है और आये दिन नित नए नए षडयंत्र रचकर भवन को अतिक्रमणकर्ताओ के हवाले किया जा रहा है। ग्राम पंचायत के कर्ता धर्ताओं की मिलीभगत और मोनस्वीकृति से अतिक्रमणकर्ताओ की हौसले बुलंद है। भवन पर पंचायत द्वारा रसूख लोगो से कब्जा करवाना चाहती है। पूर्व में भी अतिक्रमणधारी ने पक्का अतिक्रमण करवाना चाहा लेकिन अनुसूचित जाति समाज के लोगो ने थांदला अनुविभागीय अधिकारी राजस्व (एसडीएम) तरुण जैन को इस स्थिति से अवगत करवाया तो उन्होंने तत्काल पुलिस को सूचना देकर अतिक्रमण रुकवाया था और भविष्य में अतिक्रमण नही करने के सख्त चेतावनी व निर्देश दिए थे इसके बाद भी अतिक्रमणकर्ता ने धीरे-धीरे रात के अंधेरे में पक्का निर्माण कर लिया।
पक्के निर्माण की भनक स्थानीय समाजजनों को मिलने पर उन्होंने सख्त नाराजगी जाहिर की और उन्होंने पंचायत व नायब तहसीलदार को अवगत कराना चाहा पर सम्बंधित द्वारा कार्यवाही न करते हुवे शिकायतकर्ताओ को डराने धमकाना शुरू कर दिया।
नही करने देंगे अतिक्रमण
दलित समाज प्रमुखों का कहना है सरकार दलित वर्ग के लिए योजनाओं के माध्यम से लाभ पहुचाने के लिए तत्पर है और इस दौर में दलित समाज भी आगे बढ़कर अपनी समाज के लिए कुछ करना चाहते है कि लेकिन खवासा ग्राम पंचायत जैसी दोगली पंचायत और अधिकारियों की उदासीनता से दलितों को परेशान होना पड़ता है। वही समाजजनों का कहना है कि हमारे समाज के लिए छोटे-मोटे कार्यक्रम करने के लिए जो सामुदायिक भवन आवंटित किया गया है तो उसे हम नहीं छोड़ सकते और हम वहां अतिक्रमण भी नहीं करने देंगे। वही दलित समाज के लोगों ने प्रशासन से भी आग्रह किया है कि ऐसे लोगों को चिन्हित कर उन पर कार्रवाई की जाए और भवन को अतिक्रमण मुक्त करने की एक ईमानदार पहल करना चाहिए। वर्तमान में दलितों को समाज में बराबर लाने के लिए अनेकों प्रयास किये जा रहे हैं, वहीं आज अतिक्रमणकर्ताओ जैसे असमाजिक तत्व दलितों पर कब्जा कायम रखना चाहते हैं।