तालाब में डूबने से दो मासूम बच्चियों की मौत,,,कई घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन,,,खांडियाखाल (झाबुआ) से दर्दनाक हादसा..!

#Jhabuahulchul
झाबुआ@हरीश यादव
झाबुआ जिले के ग्राम खांडियाखाल (मातुसला) में गुरुवार शाम एक दर्दनाक हादसा हो गया, जब खेलते-खेलते तालाब के किनारे पहुंची दो मासूम बच्चियों की पैर फिसलने से डूबकर मौत हो गई। दोनों बच्चियां वडलीपाड़ा गांव की रहने वाली थीं और उनकी उम्र क्रमश: 10 और 12 वर्ष बताई जा रही है।
घटना के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों ने तुरंत तालाब में खोजबीन शुरू की और स्थानीय स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया। सूचना मिलते ही प्रशासन द्वारा बचाव दल को भी मौके पर भेजा गया। कई घंटों की मशक्कत के बाद रेस्क्यू टीम ने बच्चियों के शव तालाब से बाहर निकाले।
पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। इस हादसे के बाद पूरे गांव में शोक की लहर है और मृतकों के परिवार का रो-रो कर बुरा हाल है।
गौरतलब है कि झाबुआ जिले में इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही हैं, जहां बच्चों के असावधानीवश जल स्रोतों में डूबने की घटनाएं हो रही हैं। प्रशासन व समाजसेवियों की ओर से आमजन से अपील की गई है कि छोटे बच्चों को तालाब, कुएं और नदियों के पास अकेले न जाने दें, ताकि इस प्रकार की दुखद घटनाओं से बचा जा सके।
विचारणीय बिंदु और आवश्यक कदम :-
1. सुरक्षा उपायों की आवश्यकता :- तालाबों और अन्य जल स्रोतों के पास सुरक्षा संकेतक, बैरिकेडिंग, और चेतावनी बोर्ड लगाए जाने चाहिए।
2. जनजागरूकता अभियान :- ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चों व अभिभावकों को जलस्रोतों के खतरे के बारे में शिक्षित करना अत्यावश्यक है।
3. स्थायी निगरानी :- स्थानीय प्रशासन या ग्राम पंचायत स्तर पर जलस्रोतों के पास बच्चों की निगरानी हेतु स्वयंसेवकों की व्यवस्था होनी चाहिए।
4. आपदा प्रबंधन प्रशिक्षण :- ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक रेस्क्यू प्रशिक्षण देना उपयोगी रहेगा ताकि आपात स्थिति में तुरंत प्रभावी सहायता दी जा सके।
यह हादसा एक चेतावनी है कि हमें बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता देनी होगी, खासकर उन क्षेत्रों में जहां प्राकृतिक या खुले जल स्रोत मौजूद हैं। मृत बच्चियों के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना और ईश्वर से प्रार्थना है कि वे इस दुःख को सहन करने की शक्ति दें।