
#Jhabuahulchul
झकनावदा@नारायण राठौड़
श्री नाकोड़ा पार्श्व भैरव ट्रस्ट मंडल मेवानगर पेटलावद के ट्रस्टी मनीष कुमट (जैन) झकनावदा ने जैन मुनियों पर हुए प्राणघातक हमले की निंदा करते हुए बताया की रविवार कों शाम को नीमच जिले के सिंगोंली नगर से करीब 5 किलोमीटर का विहार कर संत मुनिराज कछाला गांव के मंदिर में रात्रि विश्राम हेतु ठहरते है।और रात्रि लगभग 10 से 11 बजे जब मुनिराज रात्रि विश्राम कर रहे थे और तीन संतों में से एक संत अपनी धार्मिक क्रिया कर रहे थे उस दौरान 5-7 अमानवीय असामाजिक तत्व आते है और एक संत जो अपनी धार्मिक क्रियाएं कर रहे थे उनकों उठाकर ले जाते है और लाठी डंडों से बहुत बुरी तरीक़े से मारपीट की है और उनसे पैसे की माँग करते उनको मृत समझकर सड़क पर छोड़ दिया। फिर पुनः दो अन्य संतों को भी बुरी तरह लाठी डंडों से पीटा गया। रात्रि में संतों ने किसी तरह से अपनी जान बचाने के लिए मदद की गुहार लगाई और सिंगोली नगर के जैन समाज के व्यक्तियों ने पहुंच कर उनकी सार सँभाल की। ट्रस्टी मनीष कुमट (जैन) ने नीमच के निकट सिंगौली में जैन मुनि शेलेश मुनिजी , बलभद्र मुनिजी, मुनीन्द्र मूनिजी पर हुए हमले की निंदा करते हुए कहा कि प्रदेश और देश में जैन मुनियो पर हमले हो रहे हैं जैन मुनियो की सुरक्षा आवश्यक हो गई है सिगोली में असामाजिक तत्वों द्वारा शराब के नशे में जैन मुनियों के साथ मारपीट की गई वह निंदनीय है । लेकिन अच्छी बात यह है कि पुलिस द्वारा आरोपियों को पकड़ा जा चुका है। श्री नाकोड़ा पार्श्व भैरव ट्रस्ट मंडल मेवानगर पेटलावद के ट्रस्टी मनीष कुमट (जैन) ने विज्ञप्ति जारी कर बताया कि जैन मुनियों पर हुए हमले की निंदा करते हुए सरकार से माँग की है कि जैन मुनियो की सुरक्षा हेतु आवश्यक कदम उठाए ताकि इस प्रकार के कृत्य को रोका जा सके। जैन साधु संत मुनिराज सम्पूर्ण जैन समाज की अमूल्य धरोहर है,जैन मूनियो पर हुए हमले से सम्पूर्ण जैन समाज आक्रोशित है। समग्र जैन समाज एवं श्री नाकोड़ा पार्श्व भैरव ट्रस्ट मंडल मेवानगर पेटलावद के समस्त पदाधिकारियों एवं ट्रस्टीगणों ने मुनियों पर हुए हमले की निंदा करते हुए दोषियों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की माँग की है।
जैन साधु भगवंतों को सुनिश्चित स्थान पर विहार करवाना हमारी ज़िम्मेदारी समझें…
श्री नाकोड़ा पार्श्व भैरव ट्रस्ट मंडल मेवानगर पेटलावद (मध्यप्रदेश) के ट्रस्टी मनीष कुमट (जैन) झकनावदा ने बताया कि जैन साधु साध्वी मुनि भगवंत जैन समाज की अमूल्य धरोहर है। इसलिए मेरा समस्त जैन समाज से निवेदन है कि आप अपने अपने क्षेत्र में जो भी साधू संत उग्रविहार कर विचरते है आप उनकी आहार विहार सेवा को पूर्ण जिम्मेदारी के साथ देखे। एवं उन्हें अपने क्षेत्र से विहार करवाए और यदि वह आगे की ओर विहार करते है तो आगे वाले गांव शहर के प्रमुख को सूचित करें, ताकि हमारें समाज की अमूल्य धरोहर साधू संतों पर किसी प्रकार की कोई अप्रिय घटना घटित ना हो। ताकि हमारे समाज की धरोहर सुरक्षित रहे क्योंकि संत है तो समाज है। साधु संतों की विहार सेवा में शासन प्रशासन को भी सुरक्षा व्यवस्था प्रदान करना चाहिए।