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खवासा@आयुष पाटीदार/आनंदीलाल सिसोदिया
खवासा स्थित प्राचीन राम मंदिर एवं मां अंबिका मंदिर पर नव दिवसीय शत् चण्डी देवी महायज्ञ का समापन रविवार को हुआ। जिसमे नो दिनों तक बड़ावदा निवासी ज्योतिर्विद यज्ञाचार्य प. पु. पं.श्री योगेन्द्र जी पौराणिक व विद्वानों द्वारा वैदिक मंत्रोच्चार से हवन संपन्न करवाया गया। जिसमे विद्वानों द्वारा नो दिनों तक दुर्गा पाठ किया गया। जिसमे हवन का लाभ मुख्य यजमान जीवन रावत, मन्नालाल भगत, मनीष पालोत्रा,संदीप दरबोडीया ,राजेंद्र दरबोडीया द्वारा नो दिनों तक हवन का लाभ लिया गया। जिसमे अंतिम दिन रविवार को गंगा जल की भव्य कलश यात्रा निकाली गई। जिसमें काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। गंगा जल को लेकर माता बहनों में विशेष उत्साह देखने को मिला। गंगा जल कलश यात्रा मां अंबिका मन्दिर प्रांगण से हो कर गणेश मंदिर, हनुमान मंदिर, तेजाजी मंदिर, से वापस हनुमान मंदिर, से होती हुई, नीम चोक, पाटीदार मोहोल्ले से होती हुई पुनः मां अंबिका मंदिर पर जा कर समापन हुआ। समापन के बाद प्रसादी बाटी गई। तत्पश्चात समिति के सदस्यों द्वारा सभी भक्तों के लिए पाटीदार धर्मशाला में फरियाली की व्यवस्था की गई थी।
धूमधाम से मनाया गया श्रीराम जन्मोत्सव, लगे जयकारे.!
वहीं राम मंदिर पर भगवान श्री राम का जन्मोत्सव धूम-धाम से मनाया गया। दिन के 12 बजते ही मंदिर परिसर भए प्रकट दीन दयाला कौशल्या हितकारी, शंखनाद, नगाड़ों, पटाखों व जय श्रीराम के गगनभेदी जयकारों से गूंज उठा। मंदिर परिसर में ढोल नगाड़ों, घंट, शंख, पटाखों व जय श्रीराम के जयकारों से गूंजने लगा। भगवान का जन्म होते ही पूरा मंदिर परिसर भक्ति-भाव के सागर में डूब गया। महिलाओं ने सोहर व मंगलगीत गाकर माहौल को भक्तिमय बना दिया। श्रद्धालुओं ने भगवान की पूजा-अर्चना कर आरती की गई।
जिसके बाद नवदिवसीय शतचण्ड़ी देवी महायज्ञ की पुर्णाहुति कर महाआरती एवं महा प्रसादी वितरण की गई।
नो दिनों तक गरबों की रही धूम..!
जिसमे चैत्र नवरात्रि के नो दिनों तक रात्रि में जगमगाती रोशनी के साथ आर्केस्टा पार्टी के द्वारा एक से एक गरबों की प्रस्तुतियां दी गई। जिसमे माता बहनों और पुरुष द्वारा गरबा रास का आयोजन देर रात तक माता रानी के गरबों से मां की आराधना की गई। जिसमे माता जी के भजनों पर बालिकाओं द्वारा एक जैसी वेशभूषा में गरबा रास की एक से एक प्रस्तुतियां दीं गई। जिसमे पाटीदार समाज द्वारा रविवार को विशाल भंडारे का आयोजन भी रखा गया।