झाबुआटॉप न्यूज़थांदलापेटलावदरायपुरिया

बसंत में खिला टेसू,,,,प्रकृति का अनुपम उपहार…!

#Jhabuahulchul 

रायपुरिया@राजेश राठौड़

बसंत ऋतु में जब अधिकांश पेड़ों से पत्ते झड़ रहे हैं, तब पलाश के पेड़ टेसू के खिलते फूलों से अपनी अलग ही छटा बिखेर रहे हैं। गांवों और जंगलों के किनारे खिले ये केसरिया और गुलाबी फूल न केवल लोगों का ध्यान आकर्षित कर रहे हैं, बल्कि पक्षियों को भी अपनी ओर बुला रहे हैं।

पहले के समय में होली से पहले बुजुर्ग इन फूलों को इकट्ठा कर उन्हें गर्म पानी में उबालते थे, जिससे हर्बल रंग तैयार किया जाता था। धुलेटी के दिन इसी प्राकृतिक रंग से होली खेली जाती थी, जो त्वचा के लिए लाभकारी होता था। हालांकि, अब बाजार में मिलने वाले केमिकल युक्त रंगों ने इस परंपरा को काफी हद तक खत्म कर दिया है, जिससे त्वचा को नुकसान भी पहुंचता है।

कुछ साल पहले वन विभाग ने टेसू के फूलों से तैयार हर्बल रंग का प्रचार किया था, ताकि लोग प्रकृति के अनुकूल रंगों का उपयोग करें। हालांकि, बाजारों में अब हर्बल रंग भी मिलने लगे हैं, लेकिन पलाश के फूलों से बने रंग की बात ही अलग होती है। प्रकृति प्रदत्त यह उपहार आज भी अपनी आभा से बसंत के सौंदर्य को और अधिक बढ़ा रहा है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
error: Content is protected !!