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माही नहरों से पानी वितरण में भेदभाव से क्षेत्र के किसान में आक्रोश,,,माही परियोजना की अधिकारियों की मनमानी से किसानों को गेहूॅ की फसल के लिए पानी नहीं मिल रहा..!

यदि फसल के लिए पानी नहीं मिला तो आंदोलन करेेगें।

#Jhabuahulchul 

सारंगी@संजय उपाध्याय

सरकार किसानों को सुविधा देने के लिए प्रयासरत है। किसानों की सुविधा के लिए कई नितियां और योजनाएं बनाई जा रही है। किंतु पेटलावद क्षेत्र में माही परियोजना किसानों के साथ भेदभाव पूर्ण व्यवहार कर उनकी फसलों को चौपट कर रही है। किसान गेहूॅ की फसल को उगा कर उसे बडी करने के लिए मेहनत करते है। किंतु माही परियोजना के अधिकारियों की मनमानी के चलते गेहूॅ की फसल को अंतिम समय में पानी की जो आवश्यकता है उसकी पूर्ती नहीं होने से किसानों में आक्रोश है।

किसानों के अनुसार ग्राम मोईचारणी, करनगढ, बोर पाडा क्षेत्र में किसानों की फसल सुखने की कगार पर है। किसानों की खडी गेहूॅ की फसल को चौथा व अंतिम पानी जल्द चाहिए जिसके लिए किसानों के द्वारा माही परियोजना के अधिकारियों को कई बार सुचना दे कर बताया गया कि क्षेत्र में पानी दिया जाये किंतु अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है। उन्होंने किसानों की मांग को अनदेखा कर दिया और स्पष्ट रूप से किसानों को मना बोल दिया। जिसे लेकर क्षेत्र के किसानों में आक्रोश है। किसान नेता और जनजाति सुरक्षा मंच के जिला सह संयोजक छगनलाल गामड का कहना है कि गोदडिया तक पानी दिया किंतु इसके बाद के गांवों को पानी नहीं दिया गया। जिस कारण से फसल में नुकसान होने का अनुमान है।

धीरजी निनामा, कोदा निनामा,मांगु मेडा,कालु गामड,सुरतान निनामा,संजय कटारा, राकेश मैडा आदि किसानों का कहना है कि अधिकारी की मनमानी के कारण हमें पानी नहीं मिला है। दूसरी ओर पांच बार पानी दिया गया और इस क्षेत्र में मात्र तीन बार पानी दिया गया। अधिकारी कहते है की उपर पानी खत्म हो गया पर दूसरी ओर तो पानी दे रहे है। यदि हमारे क्षेत्र में पानी नहीं दिया गया तो किसान आंदोलन करेगें। किसानों ने बिना पानी की नहरों में खडे हो कर विरोध प्रदर्शन किया।

इस संबंध में माही परियोजना के एस डी ओ श्री जामोद से चर्चा की गई तो उनका कहना है कि हमारे द्वारा सभी क्षेत्रों में चार पानी दिया गया है और अतिरिक्त पानी भी दिया गया है। किसान और पानी की मांग करते है किंतु डेम में अब इतना पानी नहीं है। जिस कारण से पानी नहीं दे पा रहे है।

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