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थांदला@उमेश पाटीदार
ग्राम मदरानी में सर्व हिन्दू समाज ने संत शिरोमणि रविदास की जयंती मनाई। संत रविदास अपनी वाणी के माध्यम से आध्यात्मिक, बौद्धिक, व सामाजिक क्रांति का सफल नेतृत्व किया। इस मौके पर गांव में भव्य शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में युवक-युवतियों ने गरबा रास भी किया। इस दौरान सैकड़ों लोगों ने शोभा यात्रा में हिस्सा लिया और संत शिरोमणी रविदास के दर्शन किए।
वही संत रविदास के कार्यकर्ताओं ने जानकारी दी कि श्री राम जानकी रविदास मंदिर से संत शिरोमणि रविदास जी की भव्य शोभायात्रा निकाली गई। बैंड-बाजे, ढोल के साथ शोभायात्रा में संत रविदास जी के चित्र को आकर्षक तरीके से सजाया गया था। शोभायात्रा गांव के मुख्य मार्ग से होती हुई वापस श्रीराम जानकी रविदास मंदिर पर पहुंची। जहां महाआरती और महाप्रसादी का आयोजन किया गया।
बता दे कि संत रविदास जयंती हर वर्ष माघ पूर्णिमा को मनाया जाता है। संत रविदास एक महान भक्ति संत, समाज सुधारक और कवि थे, जिन्होंने जातिवाद और सामाजिक भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाई। उनके द्वारा दिया गया प्रेम, एकता और भक्ति का संदेश आज भी लोगों को प्रेरित करता है। संत रविदास का जीवन और उनकी शिक्षाएं हमें समाज में समानता, प्रेम, भक्ति और सादगी का महत्व सिखाती हैं। उनके दोहे आज भी प्रासंगिक हैं और मानवता को सही दिशा दिखाते हैं। संत रविदास जयंती पर हमें उनके संदेशों को आत्मसात कर समाज में सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देना चाहिए।
जन्म और प्रारंभिक जीवन
संत रविदास का जन्म 15वीं शताब्दी में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था। वे एक चर्मकार परिवार में जन्मे थे, लेकिन उन्होंने सामाजिक भेदभाव से ऊपर उठकर भक्ति मार्ग अपनाया और समाज में समानता का संदेश दिया। शोभायात्रा में शंकर चौहान, रघुनाथ धामनिया, अनिल चौहान, मुकेश धामनिया, मणिलाल चौहान, संघ परिवार से निलेश कटारा, डॉ जितेंद्र राठौर, हितेंद्र पंचाल, डॉ रवींद्र सिसौदिया, विपुल प्रजापत, स्थानीय शाखा टोली सहित नगर के गणमान्य नागरिक, माता बहनें मौजूद थे।