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रायपुरिया@राजेश राठौड़
नगर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन भगवान श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव बड़े ही धूमधाम से मनाया गया। इस पावन अवसर पर श्रद्धालुओं ने भजन-कीर्तन के साथ नृत्य किया और पूरे पंडाल में “अलख की पालकी, जय कन्हैया लाल की” के जयघोष गूंज उठे।
जैसे ही कथा मंच पर वासुदेव जी टोकरी में भगवान कृष्ण को लेकर पहुंचे, पूरा पंडाल उल्लास से भर उठा। श्रद्धालुओं ने दही-मटकी फोड़कर और माखन-मिश्री का प्रसाद वितरण कर उत्सव मनाया। हल्दी छापे लगवाने के लिए भक्तों में विशेष उत्साह देखने को मिला।
कथावाचक बालकृष्ण नागर जी महाराज ने भगवान कृष्ण के जन्म प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान भक्ति-भाव के भूखे हैं। यदि कोई उन्हें मन से पुकारेगा, तो वे अवश्य सुनेंगे। उन्होंने भक्त प्रह्लाद और हिरण्यकश्यप की कथा सुनाते हुए बताया कि सच्चे भक्त की भक्ति कभी विफल नहीं होती।
महाराज जी ने आगे कहा कि जीवन में गुरु कृपा अत्यंत आवश्यक होती है। गुरु ही हमें सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं और मुक्ति का द्वार खोलते हैं। कथा के दौरान श्रद्धालु भाव-विभोर हो गए और भक्ति रस में डूबकर भगवान श्रीकृष्ण की महिमा का गुणगान किया।
श्रीमद्भागवत कथा के आयोजकों ने बताया कि कथा के अगले दिन गोवर्धन पूजा एवं रासलीला का विशेष आयोजन होगा, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है।