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रायपुरिया@राजेश राठौड़
आचार्य नवरत्नसागर परिवार के तत्वाधान में आयोजित एक धर्मसभा को संबोधित करते हुए युवा हदय सम्राट आचार्य विश्वरत्नसागर ने कहा कि वर्तमान समय में समाज स्वार्थ की रतौंधी से पीड़ित हो गया है, क्रोध, काम लोभ जैसे विकारों ने मानव मन को दुषित कर दिया है, इसलिए यह समय आत्मचेतना जगाने का है।
इससे पूर्व आचार्यश्री एवं अन्य मुनिवृन्दों में नगर में मंगल प्रवेश किया। आचार्य भगवंतो की आगवानी के लिए जैनधर्मावलम्बि तथा जैनेत्तर बड़ी सख्या में शामिल हुए। मंगल प्रवेश के तुरंत बाद आचार्यश्री तथा मुनिवृंदो ने स्थानीय जैन मंदिर में दर्शन किये। नगर में जगह जगह श्रृद्धालुओं ने बाजोट पर श्रीफल और अक्षत समर्पित कर गहुली की। कार्यक्रम के प्रारंभ में श्रेष्ठ झालोका ने गुरूवंदना की। कार्यक्रम में आचार्य विश्वरत्नसागर ने महिलाओं से अपील कि की वे समता भाव से परिवार संचालन करें। धर्मसभा को बालमुनिवृंद रम्यरत्नागर तथा सम्यकरत्नसागर ने भी संबोधित किया। आयोजन में सैलाना, झकनावदा, खवासा, राजगढ, पेटलावद बामनिया आदि कई स्थानों के श्रीसंघों के प्रतिनिधी शामिल हुए। इस अवसर पर नवरत्न परिवार संस्था के नवनियुक्त प्रदेशाध्यक्ष सुनिल झालोका का सकल श्रीसंघ की और से शॉल श्रीफल भेंट कर बहुमान किया गया।
गत दिनों भोपावर में दस हजार नवरत्न भक्तों का धर्मजलसा आयोजित कर श्री झालोंका ने धर्मसंदेश प्रसारित किया था, इसके लिए आचार्यप्रवर विश्वरत्नसागरजी ने सुनिल झालोका की भूरी भूरी प्रशंसा की तथा जिम्मेदारी सौंपी की नवनत्न परिवार की प्रदेशभर में फैली छः सौ पचास से अधिक शाखाओं से सम्पर्क रखते हुए उन्हें सुदृढ करे तथा नवरत्न परिवा को विस्तार प्रदान करें।
कार्यक्रम का संचालन राजेश कांठेड़ ने किया तथा आभार प्रदर्शन विजय जैन ने किया।