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खवासा@आयुष पाटीदार/आनंदीलाल सिसोदिया ✍️
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी विश्वकर्मा योजना के तहत युवाओं को स्वरोजगार के लिए 1 लाख रुपये का लोन दिया जा रहा है। इस योजना का उद्देश्य स्वरोजगार को बढ़ावा देना और युवाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना है। लेकिन खवासा स्थित स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) में इस योजना का लाभ लेने वाले ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
ग्राम खवासा के पवन प्रजापत ने बैंक से 1 लाख रुपये का लोन लिया, लेकिन लोन मंजूर होने के महज 10 मिनट बाद ही बैंक ने उनके खाते से 12,000 रुपये काट लिए। यह राशि 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा के नाम पर काटी गई। जब पवन ने बैंक से इस बारे में सवाल किया, तो उन्हें बताया गया कि यह बीमा अनिवार्य है। बैंक अधिकारियों ने यहां तक कह दिया कि यदि बीमा नहीं लेना है, तो लोन बंद करने का आवेदन दें।
ग्राहकों पर बीमा लेने का दबाव….
पवन प्रजापत ने बताया कि प्रधानमंत्री योजना के तहत उन्हें पहले से ही आयुष्मान भारत योजना का 7 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर मिला हुआ है। इसके बावजूद बैंक ने 5 लाख के बीमा के लिए उनसे 12,000 रुपये वसूल किए। बैंक ने बीमा के लिए खाली वाउचर पर साइन करवा लिए और बिना जानकारी दिए बीमा की राशि काट ली।
पवन ने अपनी शिकायत 181 हेल्पलाइन पर भी दर्ज कराई है और मांग की है कि उनका लोन बिना बीमा के जारी किया जाए। उन्होंने आरोप लगाया कि बैंक की यह जबरदस्ती प्रधानमंत्री की योजनाओं के मूल उद्देश्य को ठेस पहुंचा रही है।
ग्रामीणों की अपील….
खवासा के अन्य ग्रामीणों ने भी शिकायत की है कि बैंक प्रधानमंत्री योजनाओं का लाभ देने के बजाय अपनी शर्तें थोप रहा है। इससे न केवल लाभार्थियों को परेशानी हो रही है, बल्कि सरकार की छवि भी प्रभावित हो रही है।
सरकार से हस्तक्षेप की मांग…
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और सरकार से अपील की है कि इस मामले की जांच कराई जाए और दोषी बैंक अधिकारियों पर कार्रवाई हो। इसके साथ ही योजना के तहत लाभार्थियों को बिना किसी अतिरिक्त शर्त के लोन उपलब्ध कराया जाए।
झाबुआ जिले के खवासा क्षेत्र का यह मामला अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में भी बैंकिंग प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर रहा है। ऐसे में सरकारी हस्तक्षेप से ही इस समस्या का समाधान संभव है।