#Jhabuahulchul
बामनिया@जीतू वैरागी
चलिए आज हम आपको मिलवाते हैं… बामनिया के एक ऐसे समाजसेवी मुकेश यादव से जो इन दिनों अखबार की सुर्खियां बनने के लिए समाजसेवी का चोला ओढ़ कर बैठ गया है, अपना नाम अखबार में छपाने और अपना फोटो पोर्टल पर दिखाने के लिए झूठ-मूठ का समाजसेवी का चोला ओढ़ कर जनता को बेवकूफ बना रहा है, कुछ दिन पूर्व बामनिया में एक कार्यक्रम हुआ था, जिसमें मुकेश यादव भी कार्यक्रम में उपस्थित हुआ था ,लेकिन उसका नाम और फोटो अखबार में नहीं छापा तो बामनिया के सभी पत्रकारों को गालियां देते हुए बामनिया के पत्रकार जीतू बैरागी को धमकी दे डाली की तूने यह खबर क्यों नहीं लगाई ,और मेरा नाम और फोटो क्यों नहीं छापा , यूं तो तुम बहुत खबर छापते रहते हो लेकिन मेरी खबर क्यों नहीं छपी ,तुम सब पत्रकार इकट्ठे होकर शाम को 7:30 बजे मुझे चौराहे पर मिलना तुमको कुछ समझाईश देना है , ऐसा कहते हुए शराब के नशे में अपमानजनक शब्दों से लगभग 10 मिनट तक फोन पर धमकियां देता रहा, और कलेक्टर एसपी के पास भी चले जा मेरा कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता।
लेकिन महाशय मुकेश यादव को हम यह बता दे की पत्रकार को खरीदना नामुमकिन है ,कोई भी समाचार लगाना या नहीं लगाना यह सभी पत्रकारों के विवेक पर निर्भर करता है, पत्रकार किसी के लिए बाध्य नहीं होता ,क्योंकि पत्रकार को ना तो कोई शासन वेतन देता है ,और ना ही जब पत्रकारों पर हमला होता है तो कोई जनता उसके बचाव में आती है, जो भी विपरीत स्थिति हो वह पत्रकार को अकेले ही संभालनी पड़ती है, इसलिए पत्रकार अपने विवेक और अपनी खुद की ताकत अनुसार खबरें लगाता है या नहीं लगाता है। फिलहाल मुकेश यादव के खिलाफ बामनिया के सभी पत्रकारों ने एकत्रित होकर बामनिया चौकी पर आवेदन देकर उसके खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर जेल भेजने का आग्रह किया है।
यहां हम आपको बताते चले की यह… वही मुकेश यादव है जिस पर पहले से ही चेक बाउंस के कई गंभीर प्रकरण दर्ज है। और शासकीय ठेकेदार बनकर शासन के पैसों में लीपा पोती कर चुका है। और भी बहुत कुछ पुराना कच्चा चिट्ठा है, लेकिन केवल धमकी का जवाब इतना ही ठीक है , इसके आगे यदि और भी इच्छा हो तो फोन लगा लेना , आगे की कुंडली भी प्रकाशित करते रहेंगे।