झाबुआ

निर्मला भूरिया के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की आंगनवाड़ियों का स्मार्ट कायाकल्प,,,24,662 आंगनवाड़ी केंद्र होंगे डिजिटल, सुरक्षित और बच्चों के समग्र विकास के लिए सक्षम..!

#Jhabuahulchul 

झाबुआ@हरीश यादव 

महिला एवं बाल विकास विभाग की केबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया के नेतृत्व में प्रदेश में बाल विकास और शिक्षा के क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव की शुरुआत हुई है। प्रदेश के 24,662 आंगनवाड़ी केंद्रों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त करते हुए उन्हें “सक्षम आंगनवाड़ी केंद्रों” में परिवर्तित किया जा रहा है।

वर्ष 2024-25 के लिए बनाई गई इस कार्ययोजना में लगभग 25% आंगनवाड़ी केंद्रों का स्मार्ट कायाकल्प किया जा रहा है, जो बच्चों के समग्र विकास, मातृ-शिशु स्वास्थ्य और स्थानीय पोषण सुरक्षा की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।

मंत्री निर्मला भूरिया की प्राथमिकता – “बच्चों का उज्ज्वल भविष्य, बाल शिक्षा में नवाचार”

केबिनेट मंत्री निर्मला भूरिया ने स्पष्ट रूप से कहा : बालक किसी भी समाज की नींव होते हैं। यदि हमें एक सशक्त राष्ट्र बनाना है, तो बाल्यावस्था से ही उनके लिए उत्तम पोषण, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सुरक्षित वातावरण देना होगा। स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्र इसी दिशा में हमारा ठोस प्रयास है।

उन्होंने कहा कि यह योजना केवल इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका उद्देश्य बच्चों में सीखने की रुचि, माताओं की जागरूकता और सामुदायिक भागीदारी को भी प्रोत्साहित करना है।

मुख्य विशेषताएं – निर्मला भूरिया की पहल में क्या खास

1. स्मार्ट शिक्षा की शुरुआत: डिजिटल लर्निंग का प्रवेश

प्रत्येक चयनित आंगनवाड़ी केंद्र पर एलईडी स्मार्ट टीवी लगाए जा रहे हैं, जिनके माध्यम से 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों को हिंदी-अंग्रेज़ी वर्णमाला, गिनती, रंग, आकार आदि की पूर्व-प्राथमिक शिक्षा दी जा रही है।
इससे बच्चों में सीखने का आनंद, श्रवण-दृष्टि आधारित समझ और मनोरंजन के साथ शिक्षा का वातावरण निर्मित हो रहा है।

2. बच्चों के स्वास्थ्य की प्राथमिकता: शुद्ध पेयजल की व्यवस्था

स्वास्थ्य सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक स्मार्ट आंगनवाड़ी केंद्र में वॉटर प्यूरीफायर लगाए जा रहे हैं। मंत्री भूरिया ने कहा : स्वच्छ जल हर बच्चे का अधिकार है। इससे जलजनित रोगों से बचाव और पोषण कार्यक्रमों की सफलता सुनिश्चित होगी।

3. जल संरक्षण के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम

भूरिया की सोच है कि “पानी बचाओ, भविष्य बचाओ”। इसी दृष्टिकोण से आंगनवाड़ी केंद्रों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाया जा रहा है। इससे :

भूगर्भ जल स्तर में सुधार होगा

पर्यावरणीय संतुलन स्थापित होगा

बच्चों को जल संरक्षण का व्यवहारिक ज्ञान मिलेगा

4. पोषण वाटिका – स्थानीय आहार की समृद्धि

आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वाटिका (Nutrition Garden) का निर्माण किया जा रहा है। मंत्री भूरिया के अनुसार : हमारे गांवों में भूमि की कमी नहीं, केवल दृष्टिकोण की जरूरत है। पोषण वाटिका स्थानीय समाधान है – यह बच्चों के पोषण के साथ-साथ महिलाओं की भागीदारी को भी बढ़ाएगी।

इन बग़ीचों में मौसमी सब्जियाँ, हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फलदार पौधे लगाए जा रहे हैं, जिससे आंगनवाड़ी में ताजे और पोषक खाद्य पदार्थ उपलब्ध रहेंगे।

5. ECCE गतिविधियों से समग्र विकास का मॉडल

निर्मला भूरिया की दूरदर्शिता के अनुसार, बाल शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं रहनी चाहिए। इसीलिए ECCE (Early Childhood Care and Education) के अंतर्गत :

शिक्षात्मक खेल

चार्ट, चित्र पुस्तकें

कहानियों और गीतों के माध्यम से
बच्चों का बौद्धिक, संज्ञानात्मक, भावनात्मक और सामाजिक विकास सुनिश्चित किया जा रहा है।

मंत्री निर्मला भूरिया: झाबुआ से संकल्प, पूरे प्रदेश में क्रियान्वयन

मंत्री भूरिया का स्वयं आदिवासी अंचलों से जुड़ाव रहा है और वे बच्चों और महिलाओं के अधिकारों के लिए हमेशा सक्रिय रही हैं। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि झाबुआ जैसे पिछड़े जिलों में भी ये स्मार्ट सुविधाएँ प्राथमिकता पर लागू हों।

उनकी योजना है कि अगले दो वर्षों में शेष 75% आंगनवाड़ी केंद्रों को भी इसी तरह स्मार्ट बनाया जाए और ECCE को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के अनुरूप सशक्त किया जाए।

नवाचार + जनभागीदारी = सक्षम आंगनवाड़ी केंद्र

यह पहल केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि एक जनांदोलन है। मंत्री भूरिया स्वयं जिलों का दौरा कर आंगनवाड़ी केंद्रों की मॉनिटरिंग कर रही हैं और स्थानीय पंचायतों, स्व-सहायता समूहों व माता-पिता को जोड़कर इस बदलाव को सामूहिक बना रही हैं।

मंत्री निर्मला भूरिया की दूरदर्शिता, नेतृत्व और समर्पण से मध्यप्रदेश की आंगनवाड़ी प्रणाली में एक नई ऊर्जा आई है। डिजिटल युग की जरूरतों के अनुसार यह बदलाव राज्य के लाखों बच्चों को गुणवत्तापूर्ण, सुरक्षित और सशक्त प्रारंभिक जीवन देने का मार्ग प्रशस्त करेगा।

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