बैंक कर्मचारियों का बुरा बर्ताव,,,व्यापारियों ने लगाए गंभीर आरोप..!

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बामनिया@जितेंद्र बैरागी
इन दिनों सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर एक रिल ट्रेडिंग में चल रही है। बैंक ऑफ़ बड़ौदा में खातो खुलवा यो।जिसमें खाताधारक खुशी से झूमता नाचता गाता हुआ नजर आता है। परंतु क्या बामनिया के सालों पुराने जब काम नेट बैंकिंग से न होकर मैन्युअल होते थे, जहां पर भरोसेमंद ग्राहक के चेक देखकर ग्राहक को राशि दी जाती थी। उस दौर के खाताधारक वर्तमान बेंक कर्मियों के रवैए से वाकई में आज भी इतना खुश हैं। जाने उनके हाल उनकी जुबानी।
पेटलावद रोड स्थित बैंक ऑफ़ बड़ोदा के अधिकारी ओर कर्मचारियों के अभद्रता ओर नकारात्मक व्यवहार का आरोप है। जिसके चलते खाताधारक को अनेकों समस्या से जूझना पड़ रहा है। वहीं मौजूद स्टाफ के कार्यकाल में बामनिया की बैंक ऑफ़ बड़ोदा से अनाज व्यापारी, किराना व्यापारी, खाद बीज व्यापारियों ने अपने खाता बंद करवा कर बड़ी संख्या में दर्जनों व्यापारियों द्वारा अन्य बैंक में खाते खुलवाते जा रहे हैं। अनाज व्यापारियों ने बताया की शासन द्वारा हमको कहा गया है। कृषकों का अनाज खरीदने के बाद तुरंत फसल का उचित दाम दियाजाए। परंतु बैंक के कर्मचारियों द्वारा बोला जाता है। कि आपको बड़ी राशि के लिए एक दिन पहले बोलना चाहिए था। अभी बैंक में पैसा नहीं है, जैसे गैर जिम्मेदार जवाब दिए जाते हैं। यदि बैंक में लिंक फेल है तो। बाहर बोर्ड लगाकर किसी को अंदर नहीं जाने देते हैं। व्यापारियों का कहना है कि पैसे निकालने और जमा करने के अलावा भी बैंक में और भी काम हमको रहते हैं।
छोटे-मोटे काम के लिए घंटों इंतजार।
बैंक में स्टाफ की कमी के चलते दुरदराज से आए ग्रामीणों को अपने पैसे निकालने के लिए। घंटों तक बैंक के बाहर लाइन में लगकर खड़ा रहना पड़ता है। कोई कुछ सवाल करें या जल्दी करें। तो कर्मचारियों के गुस्से का सामना करना पड़ता है। वहीं कई बार तो घंटा इंतजार करने के बाद भी ग्रामीणों का काम बैंक में नहीं होता है। कर्मचारियों के अव्यवस्था और अभद्रता पूर्ण व्यवहार के चलते बैंक की छवि दिनों दिन खराब होती जा रही है।

नकली नोटों के प्रति नहीं करते जागरूक।
व्यापारियों का कहना है…बैंक में यदि कोई नोट फटा या नकली आ जाता है तो। बैंक कर्मचारियों द्वारा व्यापारी को सतर्कता बिंदुओं पर बात नहीं की जाती। उल्टा कहा जाता है कि आप बदल रहे हो या मैं क्रॉस कर दूं। ओर व्यापारी संगठन द्वारा कई बार ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण खुले पैसे के लिए माग की जा चुकी है। परंतु बैंक ने कभी भी व्यापारियों का सहयोग करना उचित नहीं समझा। कर्मचारियों के इस रवैये के चलते कई व्यापारियों ने बैंक के हेड ऑफिस एवं आरबीआई (लोकपाल) में शिकायत कर चुके हैं।
दूध भंडार व्यापारी दिलीप चाणोदिया ने बताया…जब मैं केश जमा करवाने गया। तो करीब 15 मिनट खड़े होने के बाद कर्मचारियों ने मुझे बताया की सर्वे डाउन हो चुका है। फिर मैंने कहा आप पहले ही बता देते हैं। तो जवाब दिया की बामनिया में कितना पैसा है। एक करोड़ तो मैं जमा कर थक गया हूं। और आपको जल्दी है तो आप और किसी बैंक में जाकर खाता खुलवा लो।
खाद बीज व्यापारी अशोक लोधावरा ने बताया…बैंक कर्मचारियों द्वारा कभी भी कस्टमर से रिलेशन मेंटेन करने की कोशिश करते ही नहीं। हमेशा अपने अहम में ही रहते हैं। कस्टमर से दुर्व्यवहार करना बैंक में आम बात हो गई। इसी के चलते मुझे मजबूरन अन्य बैंक में मेरे सभी खाते खुलवाने पड़ रहे हैं।
खाताधारक पंकज भटेवर ने बताया…जब व्यापारियों द्वारा शाखा प्रबंधक से बैंकिंग प्रणाली से संबंधित किसी सवाल को पूछा लिया जाता है। तो उसको संतुष्टि पूर्ण जवाब न देकर। उसके साथ बदतमीजी तरीके से दूर व्यवहार किया जाता है। जिसका में भी शिकार हुआ हूं।
नाम ना बताने की शर्त पर एक खाताधारक ने बताया जब मैं ओर मेरी पत्नी गोल्ड लोन संबंधित पूछताछ के लिए 5 बजे के करीब गये। ओर शाखा प्रबंधक से बात कर रहा थे। मेरी फाइल प्रबंधक द्वारा कैश काउंटर के पास बैठे कर्मचारियों को बुलाकर आगे की कार्यवाही के लिए दी गई। जिस पर उक्त कर्मचारी ने शाखा प्रबंधक के मुंह पर मना करते वक्त कहां कि मुझसे यह काम नहीं होगा। इस बात को लेकर कर्मचारी और प्रबंधन के बीच बैंक में चिल्ला चोट के साथ जोरदार बहस हुई। और प्रबंधक ने उनकी टेबल पर मेरी फाइल गुस्से के साथ फेंक दी। उक्त घटना बैंक के सीसीटीवी कैमरे में यदि चालू हो तो जरूर रिकॉर्ड हुए होंगे।
संबंधित समाचार के लिए बैंक आफ बड़ौदा शाका प्रबंधक आलाम खान ने बताया। यहां ऐसा कुछ नहीं सब ठीक चल रहा है।




