यह कैसा जल गंगा संवर्धन..?..बे मौसम की पहली बारिश में ही तालाब किनारे बनाई गई पाल ने तोड़ दिया दम…!

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मेघनगर@मुकेश सोलंकी
झाबुआ जिले की सबसे चर्चित नगरी मेघनगर फिर चर्चा में है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जल गंगा संवर्धन योजना के तहत मेघनगर में स्थित तालाब का गहरीकरण बहुत ही बढ़िया तरीके से किया गया। तालाब किनारे पाल बनाने हेतु टेंडर जारी किए गए थे जिसकी राशि 31 लाख रुपए से भी अधिक है हालांकि जिस जगह पर तालाब की पाल बनाई जा रही है उसे देखते हुए ऐसा लगता है कि तालाब के आकार को छोटा करने के प्रयास किया जा रहे हैं। तालाब किनारे बनाए गई पाल जिसके बूते जल गंगा संवर्धन योजना के तहत बारिश के जल को संचय करने की योजना नगर परिषद ने की थी वह बे मौसम की बारिश में ही बह गई। जबकि पाल निर्माण हेतु टेंडर किए गए थे तो संबंधित ठेकेदार द्वारा पाल निर्माण हेतु सामग्री की व्यवस्था करनी चाहिए थी किंतु तालाब से निकली हुई मिट्टी को ही निर्माण कार्य हेतु उपयोग कर लिया गया। नगर वासियों के मन में सवाल है की क्या नगर परिषद के इंजीनियर के द्वारा पाल निर्माण की मॉनिटरिंग नहीं की गई थी ? यदि की गई तो किन शर्तों पर तालाब से निकाली गई मिट्टी से ही पाल का निर्माण करने की अनुमति दी गई ? दूसरी तरफ नगर परिषद सीएमओ राहुल सिंह वर्मा द्वारा जानकारी दी गई की शहर के सौंदर्यीकरण के अंतर्गत पाल निर्माण कराया जा रहा था सौंदर्यीकरण करना तो अच्छी बात है लेकिन नगर के प्रमुख चौराहे सौंदर्य से वंचित क्यों है ? चर्चा यह भी है की नगर के पिछवाड़े में सौंदर्यीकरण कार्य पूर्ण करवा कर कहीं किसी को व्यक्तिगत रूप से लाभ पहुंचाने की योजना तो नहीं बनाई जा रही है ? फिलहाल देखना यह है कि जिलाधिकारी द्वारा इस संबंध में क्या कार्रवाई की जाती है।




