मुद्दे की बात,,खतरे की सवारी,,पड़े ना भारी,,बिना जांच दौड़ रही स्कूल बसें,,बच्चों की सुरक्षा खतरे में,,जिम्मेदार चुप..!

झाबुआ जिले में चल रही स्कूल बसें बच्चों की सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा बनती जा रही हैं। इन बसों पर न तो आरटीओ का नियंत्रण है और न ही पुलिस प्रशासन कोई कार्रवाई कर रहा है। सुप्रीम कोर्ट और जिला प्रशासन की गाइडलाइन के बावजूद स्कूल वाहन बिना जांच और नियमों का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर दौड़ रहे हैं।
नियमों की धज्जियां उड़ाते स्कूल वाहन
अधिकतर वाहन चालक और परिचालक बिना यूनिफॉर्म और नेम प्लेट के हैं।
बसों में सुरक्षा उपकरणों का अभाव, अग्निशमन यंत्र नहीं, स्पीड गवर्नर और GPS भी नहीं।
क्षमता से अधिक बच्चों को बैठाकर किया जा रहा परिवहन।
जुगाड़ से चल रही आधी से ज्यादा वैन
बच्चों की जान से खिलवाड़ करते हुए कई वैन घरेलू सिलेंडर, खराब टायर, बिना वाइपर और बिना लाइट के दौड़ रही हैं। कुछ वाहन तो सफेद रंग में निजी वाहन की तरह चलाए जा रहे हैं, जिन पर स्कूल का नाम तक नहीं लिखा है।
प्रशासन और स्कूल प्रबंधन की अनदेखी
परिवहन और पुलिस विभाग की लचर निगरानी और स्कूल प्रबंधन की लापरवाही के कारण यह समस्या विकराल रूप ले रही है। हर साल केवल औपचारिकता के तौर पर जांच की जाती है। दो-चार दिन जांच कर इतिश्री कर दी जाती है।