मेघनगर की जलवायु को प्रदूषित करते कारखाने…!

#Jhabuahulchul
मेघनगर@मुकेश सोलंकी
झाबुआ जिले के औद्योगिक क्षेत्र मेघनगर से है जहां केमिकल कारखानों से लगातार जहर उगला जा रहा है। आपको बता दे कि क्षेत्र के निवासियों के साथ-साथ मेघनगर के आसपास के ग्रामीणों द्वारा लंबे समय से शिकायत, धरना, ज्ञापन के माध्यम से जिम्मेदारों तक बात पहुंचाई हैं, कई बार प्रशासन एवं पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा क्षेत्र का दौरा भी किया गया लेकिन उनके द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने के चलते मेघनगर एवं आसपास के ग्रामीणों की सेहत पर खतरनाक असर पड़ रहा है साथ ही केमिकल फैक्ट्री से लगातार केमीकल युक्त लाल पानी का बहाव हो रहा है जिसे देखने के लिए किसी माइक्रोस्कोप यंत्र की आवश्यकता नहीं है उसे सहज ही देखा जा सकता है किंतु पर्यावरण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को नजर ही नहीं आता, बोर्ड के अधिकारियों द्वारा दौरा करने के पश्चात रिपोर्ट में लिख दिया जाता है कि निरीक्षण के दौरान किसी भी नाले में लाल पानी नहीं पाया गया या कह दिया जाता है कि लाल पानी के स्रोत का पता नहीं चला और इस प्रकार मेघनगर की जल और वायु को गंभीर रूप से प्रदूषित करने वाले केमिकल कारखानों को क्लीन चिट दे दी जाती है। पर्यावरण को प्रदूषित करने का अधिकार किसी को नहीं है किंतु राठौर फार्मा एवं ट्रेंट केमिकल का इन बातों से कोई सरोकार नहीं दिखाई देता क्योंकि दोनों ही कारखानों के द्वारा खुलेआम फैक्ट्री के अंदर से कम चौड़ाई वाले पाइपों की सहायता से किनारे लगी गटर में प्रदूषित जल छोड़ जा रहा है , राठौर फार्मा के द्वारा तो मात्र 8 से 10 फीट की ऊंचाई पर ही धुएं का रिसाव देखा जा सकता है जो आसपास के निवासियों के साथ-साथ पशु पक्षी एवं फसलों पर भी गंभीर असर कर रहा है। तस्वीरों में स्पष्ट देखा जा सकता है कि किस प्रकार से इन कारखानों द्वारा पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है लेकिन प्रदूषण बोर्ड एवं औद्योगिक क्षेत्र के अधिकारीयों द्वारा इन पर कार्यवाही न करना उनकी कार्यशैली पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है।