जल जीवन मिशन की समीक्षा बैठक में कलेक्टर नेहा मीना सख्त – तय समय में करें काम पूरे, गुणवत्ता से समझौता नहीं…!

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झाबुआ@हरीश यादव
जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत चल रही पेयजल योजनाओं की समीक्षा को लेकर गुरुवार 10 जुलाई को कलेक्टर नेहा मीना ने कलेक्टर सभा कक्ष में अहम बैठक ली। बैठक में पीएचई, जनपद पंचायत और जिला पंचायत के अधिकारी शामिल हुए। कलेक्टर ने योजनाओं की धीमी प्रगति पर नाराजगी जताई और सभी संबंधित अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि तय समय सीमा के भीतर सभी कार्य पूर्ण हों, अन्यथा जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी।
बैठक में पीएचई विभाग की ओर से बताया गया कि जिले में जल जीवन मिशन के अंतर्गत कुल 716 योजनाएं स्वीकृत की गई हैं। इनमें से 443 योजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं, जबकि 270 योजनाओं पर कार्य प्रगतिरत है। 3 योजनाएं ऐसी हैं जिनमें जल स्रोत उपलब्ध नहीं हो सका, इसलिए उन्हें जल निगम की समूह योजना में सम्मिलित कर दिया गया है।
हर घर जल योजना में 410 योजनाएं दर्ज, 66 का ट्रायल रन चल रहा
जिन योजनाओं का कार्य पूरा हो चुका है, उनमें से 410 को ऑनलाइन पोर्टल पर ‘हर घर जल’ के रूप में दर्ज किया गया है। हालांकि 66 योजनाएं ऐसी हैं जिनका ट्रायल रन पिछले दो माह से चल रहा है, लेकिन अब तक अंतिम रूप नहीं दिया गया। कलेक्टर ने इन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए और कहा कि गुणवत्ता के साथ कार्य को पूर्ण करें।
70% से कम प्रगति पर सख्त चेतावनी – 20 दिन में लाएं 80% तक
कलेक्टर नेहा मीना ने बैठक में कहा कि जो योजनाएं 70 प्रतिशत से कम प्रगति पर हैं, उन्हें आगामी 20 दिनों में 80 प्रतिशत से अधिक तक लाया जाए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रगति की रिपोर्टिंग में पारदर्शिता रखें और भौतिक रूप से पूर्ण योजनाओं को पोर्टल पर जल्द से जल्द अपडेट करें।
दिसंबर 2025 तक सभी योजनाएं पूरी करने का लक्ष्य
बैठक में तय किया गया कि जिले की सभी प्रगतिरत योजनाएं दिसंबर 2025 तक पूर्ण होनी चाहिए। इसके लिए विभागों को समन्वय बनाकर काम करने और किसी भी प्रकार की देरी न करने के निर्देश दिए गए।
बंद पड़ी योजनाएं जल्द चालू करें – तकनीकी मार्गदर्शन भी मिलेगा
बैठक में यह मुद्दा भी सामने आया कि कई योजनाएं संचालन और संधारण के अभाव में बंद पड़ी हैं। कलेक्टर ने सभी जनपद पंचायतों को निर्देश दिए कि ऐसी योजनाएं शीघ्र पुनः शुरू की जाएं। तकनीकी सहयोग के लिए पीएचई विभाग को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
फील्ड निरीक्षण में लापरवाही मिली तो होगी कार्रवाई
कलेक्टर ने निर्देश दिए कि अधिकारी फील्ड पर जाकर सतत निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि कार्य की गुणवत्ता से किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जाएगा। यदि कार्य घटिया पाए जाते हैं या समयसीमा में पूर्ण नहीं होते हैं, तो संबंधित अधिकारियों पर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
ग्राम दोतड की योजना अटकी, सरपंच से चर्चा कर स्थल चयन के निर्देश
विकासखंड राणापुर के ग्राम दोतड की नलजल योजना स्थल चयन के अभाव में अटकी हुई है। कलेक्टर ने सीईओ जनपद पंचायत राणापुर को निर्देश दिए कि वे सरपंच से चर्चा कर शीघ्र स्थल चयन करें, ताकि टंकी और जलस्रोत का निर्माण शुरू हो सके।
15 दिन में पुनः समीक्षा बैठक, समय-सारिणी तैयार करने के निर्देश
कलेक्टर ने सभी विभागों को निर्देशित किया कि वे अपनी योजनाओं की समय-सारिणी तैयार कर प्रस्तुत करें। साथ ही यह भी कहा कि 15 दिन बाद पुनः समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी, जिसमें प्रगति की स्थिति की फिर से जांच की जाएगी।
पंचायतों को भी दी जिम्मेदारी – आगे इन्हें ही करना होगा संचालन
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि योजनाओं का संचालन भविष्य में पंचायतों को ही करना होगा, इसलिए पंचायतें अभी से कार्य की गुणवत्ता पर ध्यान दें और ज़िम्मेदारी समझें। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीणों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने का बड़ा माध्यम है, इसे गंभीरता से लें।
बैठक में ये अधिकारी रहे मौजूद : इस समीक्षा बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान, पीएचई विभाग के अधिकारी, जनपद सीईओ, सब इंजीनियर सहित अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे।