झाबुआ पुलिस की नई पहल : करियर और जीवन के ‘गुरुमंत्र’ देने पहुंचे प्रो. गौतम, एसपी पद्म विलोचन शुक्ल की प्रेरक पहल..!

झाबुआ पुलिस अधीक्षक पद्म विलोचन शुक्ल एवं प्रख्यात शिक्षाविद् प्रो. संत प्रसाद गौतम के नेतृत्व में युवाओं को मिला सफलता का मार्गदर्शन..!
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झाबुआ@हरीश यादव
पुलिस लाइन झाबुआ में रविवार 13 जुलाई को “करियर एवं जीवन दर्शन” विषय पर एक प्रेरणादायक और विचारोत्तेजक मार्गदर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस विशेष आयोजन की पहल झाबुआ जिले के पुलिस अधीक्षक पद्म विलोचन शुक्ल द्वारा की गई, जबकि कार्यक्रम का संचालन एवं समन्वय अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया के मार्गदर्शन में संपन्न हुआ।
इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य जिले के युवाओं को करियर निर्माण के लिए दिशा देना और आमजन को जीवन के विविध पहलुओं को समझने हेतु प्रेरित करना रहा। कार्यक्रम के केंद्रबिंदु रहे देश के प्रख्यात शिक्षाविद् एवं वैज्ञानिक प्रो. संत प्रसाद गौतम, जिन्होंने युवाओं को अपने अनुभवों और विचारों के माध्यम से जीवन में सफलता पाने की प्रेरणा दी।
पद्म विलोचन शुक्ल की पहल : भविष्य के निर्माण की दिशा में एक मजबूत कदम
पुलिस अधीक्षक श्री पद्म विलोचन शुक्ल ने कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि — युवाओं के भीतर ऊर्जा, उत्साह और प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है तो उन्हें सही दिशा देने की। इस कार्यशाला का उद्देश्य यही है कि हम उन्हें न केवल करियर की जानकारी दें, बल्कि जीवन को संतुलित और उद्देश्यपूर्ण कैसे बनाएं, इसकी समझ भी दें।
उन्होंने आगे बताया कि ऐसे आयोजन झाबुआ जिले में लगातार किए जाएंगे ताकि छात्र-छात्राओं को आत्मविश्वास के साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने और अपने सपनों को साकार करने की प्रेरणा मिल सके।
प्रो. संत प्रसाद गौतम का मार्गदर्शन : “लक्ष्य वही चुनें जो हृदय कहे”
मुख्य वक्ता प्रो. संत प्रसाद गौतम, जिनके नाम 125 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित हैं और जिनके पास दर्जनों वैज्ञानिक पेटेंट हैं, ने अपने प्रभावशाली व्याख्यान में युवाओं से आत्ममंथन की अपील की। उन्होंने कहा— हर विद्यार्थी को अर्जुन की तरह अपने लक्ष्य पर केंद्रित रहना चाहिए। पढ़ाई को बोझ नहीं, बल्कि एक आनंदमयी यात्रा समझें। जब आप किसी विषय में आनंद खोजते हैं, तो उसमें आपकी पकड़ गहरी होती है और वह दीर्घकालिक स्मृति का हिस्सा बन जाती है।
उन्होंने यह भी कहा कि असफलता जीवन का हिस्सा है, लेकिन निरंतर प्रयास से ही सफलता संभव है। करियर का चयन बाहरी दबाव में नहीं, बल्कि अपनी रुचियों और क्षमताओं के आधार पर करना चाहिए।
जीवन दर्शन और भारतीय ग्रंथों की प्रासंगिकता : प्रो. गौतम ने अपने व्याख्यान में रामायण और श्रीमद्भगवद्गीता जैसे भारतीय ग्रंथों के आदर्शों को भी जीवन में उतारने पर बल दिया। उन्होंने सकारात्मक सोच, आत्मविश्लेषण, नैतिक मूल्यों और आध्यात्मिक संतुलन को आज के युग में भी अत्यंत आवश्यक बताया।
नुक्कड़ नाटक और सामाजिक संदेश : कार्यक्रम के दौरान नशामुक्ति, यातायात नियमों, हेलमेट की अनिवार्यता जैसे महत्वपूर्ण सामाजिक विषयों पर नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से प्रभावी जागरूकता अभियान भी प्रस्तुत किया गया, जिसे दर्शकों ने सराहा।
दिशा लर्निंग सेंटर का निरीक्षण : इस अवसर पर प्रो. संत प्रसाद गौतम ने पुलिस लाइन झाबुआ में संचालित दिशा लर्निंग सेंटर लाइब्रेरी का भी भ्रमण किया और वहां की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए इसे झाबुआ के युवाओं के लिए ज्ञान का केन्द्र बताया।
कार्यक्रम का समापन : ऊर्जा, उत्साह और प्रेरणा के साथ
कार्यक्रम के अंत में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रतिपाल सिंह महोबिया ने सभी अतिथियों, विद्यार्थियों, नागरिकों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के आयोजन युवाओं को अपने लक्ष्य के प्रति प्रतिबद्ध बनाते हैं और समाज में सकारात्मक वातावरण का निर्माण करते हैं।
उपस्थित प्रमुख अतिथिगण :
प्रो. संत प्रसाद गौतम – मुख्य वक्ता एवं वैज्ञानिक, पद्म विलोचन शुक्ल – पुलिस अधीक्षक झाबुआ, मधुलिका शुक्ल – सामाजिक कार्यकर्ता, प्रतिपाल सिंह महोबिया – अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, प्रो. केके त्रिवेदी – शिक्षाविद्, रूपरेखा यादव – एसडीओपी, झाबुआ, अनुरक्ति साबनानी – एसडीओपी, पेटलावद, कमलेश शर्मा – डीएसपी, गिरीश कुमार जेजुरकर – डीएसपी, छात्र-छात्राएं, गणमान्य नागरिक, पत्रकारगण, एवं अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
यह आयोजन न केवल एक औपचारिक कार्यक्रम था, बल्कि एक सार्थक पहल थी। जो युवाओं को स्व-निर्माण की दिशा में प्रेरित करता है। पुलिस अधीक्षक पद्म विलोचन शुक्ल और प्रो. संत प्रसाद गौतम जैसे व्यक्तित्वों का योगदान इसे एक यादगार और प्रभावशाली आयोजन बनाता है, जिसकी गूंज आने वाले समय में जिले के विकास में सुनाई देगी।