झाबुआ

नेतृत्व में संवेदनशीलता : झाबुआ कलेक्टर नेहा मीना की पहल से बालिकाओं और बच्चों के भविष्य को नई दिशा,,,बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ से लेकर तकनीकी प्रशिक्षण तक, कलेक्टर नेहा मीना की योजनाएं बन रही हैं मिसाल..!

#Jhabuahulchul 

झाबुआ@हरीश यादव 

जिले के प्रशासनिक कार्यों में संवेदनशीलता, समर्पण और नवाचार का उत्कृष्ट उदाहरण पेश करते हुए झाबुआ की कलेक्टर नेहा मीना ने बच्चों और बालिकाओं के हित में एक निर्णायक पहल की है। मंगलवार को उनके नेतृत्व में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ टास्क फोर्स, वन स्टॉप सेंटर और जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की एक संयुक्त बैठक आयोजित की गई, जिसमें अनेक योजनाओं की समीक्षा के साथ-साथ नवाचारों की भी नींव रखी गई।

हर जरूरतमंद तक पहुंचे मदद – स्पष्ट निर्देश

बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट निर्देश दिए कि स्पॉन्सरशिप योजना और मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत पात्र हर बालक-बालिका को लाभ मिलना सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि जिले में व्यापक सर्वे कर ऐसे बच्चों की सूची तैयार की जाए जिन्हें माता-पिता की मृत्यु या बीमारी के कारण आर्थिक सहायता की आवश्यकता है।

योजनाएं सिर्फ कागज़ों तक सीमित न रहें, हर ज़रूरतमंद तक उनका लाभ पहुंचे – यही असली सफलता है।
— कलेक्टर नेहा मीना, बैठक में

बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा, तकनीकी शिक्षा और स्वास्थ्य पर जोर

कलेक्टर ने जिला अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी महीनों में बालिकाओं के लिए आत्मरक्षा क्लासेस, पुलिस भर्ती की निःशुल्क कोचिंग, और स्वास्थ्य जागरूकता शिविरों का आयोजन हो। इसके साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि स्कूल ड्रॉपआउट 20 बालिकाओं को ITI कॉलेज में विशेष बैच के माध्यम से सिलाई ट्रेड का प्रशिक्षण प्रदान किया जाए – यह नवाचार जिले में पहली बार हो रहा है।

गुड़ा-गुड़िया बोर्ड और पूर्व छात्राओं के बोर्ड की पहल

जिले की प्रत्येक पंचायत में गुड़ा-गुड़िया बोर्ड लगाए जाएंगे, जिनमें शिशु लिंगानुपात और बालिकाओं की शिक्षा स्थिति को दर्शाया जाएगा। वहीं, जिले के विद्यालयों की पूर्व छात्रा रही सफल महिलाओं की प्रेरणादायक कहानियों को स्कूल परिसरों में बोर्ड के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा।

प्रशासनिक संवेदनशीलता की मिसाल

कलेक्टर ने योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए कार्य कैलेण्डर तैयार करने के निर्देश भी दिए ताकि सभी गतिविधियाँ समयबद्ध रूप से सम्पन्न हों। उन्होंने यह भी सुनिश्चित किया कि स्कूलों में बालिकाओं को शत-प्रतिशत आयरन टेबलेट वितरित किए जाएं।

सहभागिता और समन्वय पर जोर

बैठक में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत जितेन्द्र सिंह चौहान सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी, सीडब्ल्यूसी व जेजेबी सदस्यगण उपस्थित रहे। कलेक्टर ने सभी विभागों से समन्वय कर योजनाओं को जमीनी स्तर पर सफल बनाने का आह्वान किया।

नेतृत्व जो सिर्फ प्रशासन नहीं, समाज बदलने का माध्यम बन रहा है

नेहा मीना का यह कार्य एक प्रशासनिक आदेश मात्र नहीं, बल्कि एक संवेदनशील पहल है जो यह दर्शाती है कि जब नेतृत्व समर्पित और दूरदर्शी हो, तो योजनाएं सिर्फ फॉर्म भरने की प्रक्रिया नहीं रह जातीं – वे किसी की जिंदगी बदलने का कारण बनती हैं।

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