सर्पदंश से बचाव व प्राथमिक उपचार : जीवन रक्षक झाबुआ प्रशासन ने एडवाइजरी जारी..!

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झाबुआ@हरीश यादव
सर्पदंश एक गंभीर समस्या है जो अक्सर मानसून या वर्षा ऋतु में अधिक देखने को मिलती है। विशेषकर ग्रामीण, पहाड़ी और जंगलों से सटे इलाकों में रहने वाले लोगों के लिए यह खतरा और भी अधिक बढ़ जाता है। झाबुआ जिले में प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्पदंश से सुरक्षा को लेकर विस्तृत एडवाइजरी जारी की गई है, जो न केवल बचाव के उपायों बल्कि सर्पदंश के लक्षण और प्राथमिक उपचार पर भी जोर देती है।
सर्पदंश से बचाव के प्रमुख उपाय (Preventive Measures) :
1. कपड़े-जूतों की जांच : उपयोग करने से पहले स्लीपिंग बैग, जूते व कपड़ों को अच्छी तरह झाड़ें और हिलाएं, जिससे उसमें छिपे सांप या अन्य कीट बाहर निकल सकें।
2. फर्श पर न सोएं : जमीन पर सोने की बजाय पलंग या तखत का प्रयोग करें, यदि ऐसा संभव न हो तो मच्छरदानी का उपयोग अवश्य करें।
3. रात में टॉर्च का प्रयोग करें : भारी बारिश के बाद बाहर निकलते समय, लकड़ी बीनते हुए या शौच के दौरान टॉर्च लेकर चलें।
4. सुरक्षित पहनावा : जंगल, झाड़ी या रेत वाले क्षेत्र में जाने पर लंबी पतलून, मोजे और मजबूत जूते (लॉन्ग बूट) पहनें।
5. झाड़ियों और पत्थरों से दूरी : पत्थरों के नीचे, झाड़ियों या गड्ढों जैसी जगहों पर जहां सांप छिप सकते हैं, वहां छेड़छाड़ न करें।
6. घर की साफ-सफाई : घर के आसपास की घास समय-समय पर कटवाएं, कबाड़ जमा न होने दें और सभी दरारों व छिद्रों को बंद रखें।
7. पानी के मटके को जमीन से ऊपर रखें : इसे स्टैंड पर रखकर उपयोग करें, जिससे सांप उसमें न घुस पाए।
8. छड़ी से भूमि पर आवाज करें : सांप वाले इलाकों में चलते समय छड़ी से जमीन पर वार कर सांपों को दूर भगाएं।
सर्पदंश के सामान्य लक्षण (Symptoms) :
डसने वाली जगह पर तेज दर्द, सूजन, लालिमा या नीला पड़ना
उल्टी, जी मिचलाना, कंपकंपी, चक्कर आना
त्वचा के रंग में परिवर्तन, घबराहट, बुखार, सिरदर्द
आँखें खोलने में कठिनाई, बोलने या पेशाब में समस्या
साँस रुकना, ब्लड प्रेशर गिरना, अंगों का सुन्न होना या काला पड़ना
सर्पदंश के बाद क्या करें (What To Do) :
1. शांत रहें, घबराएं नहीं : पीड़ित को आराम दें और कम से कम हिलाएं।
2. सर्पदंश स्थल को स्थिर रखें : यह हिस्सा हृदय से नीचे रखें और टाइट पट्टी न बांधें।
3. जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचें : किसी तांत्रिक या झाड़-फूंक वाले के चक्कर में न पड़ें।
4. घाव को खुला रखें : ढीली पट्टी से ढकें, लेकिन रक्त प्रवाह न रोके।
5. सांप की पहचान का प्रयास : सांप को मारें नहीं, बल्कि उसके रंग और आकार को याद रखने की कोशिश करें।
क्या न करें (What Not To Do) :
सर्पदंश की जगह को काटें या चूसें नहीं
आइस पैक या अल्कोहल न लगाएं
कोई घरेलू उपचार या मलहम न लगाएं
घाव को साबुन या रसायनों से न धोएं
बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न दें
अतिरिक्त सावधानियाँ :
सर्पदंश किट अपने पास रखें यदि आप रिस्क क्षेत्र में रहते हैं।
सांप के रहने वाले क्षेत्रों से सावधानी से गुजरें।
परिवार व समुदाय को जागरूक करें। बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दें कि सांपों से कैसे बचें।
झाबुआ प्रशासन का यह कदम सर्पदंश जैसी गंभीर स्थिति से निपटने की दिशा में बेहद महत्वपूर्ण है। आम नागरिकों से अपील है कि वे एडवाइजरी के अनुसार सावधानी बरतें और किसी भी आपात स्थिति में जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता प्राप्त करें। सही समय पर की गई प्रतिक्रिया न केवल जान बचा सकती है, बल्कि गंभीर नुकसान से भी बचा सकती है।