रतलाम-झाबुआ रोड पर बने पुलों की रेलिंग दे रही बड़ी दुर्घटनाओं को निमंत्रण,,,कई स्थानों पर रोड की स्थित खराब, नये रोड के कार्य कछवा गति से जारी,,,करवड़ से रतलाम तक सड़को के गड्ढे भरवाए जाए..!

#Jhabuahulchul
सारंगी@संजय उपाध्याय
मध्यप्रदेश सरकार की और से उज्जैन में आने वाले सिंहस्थ में जुटने वाली भीड़ देखते हुवे सिंहस्थ पहुँचने मैं पहुंचने वाले मुख्य मार्गो को दुरुस्त करने एवं नवीन निर्माण पर जोर दे रही है। कई मार्गो की चौड़ाई बड़ाई गई तो कई मार्ग पर फोर लेन में भी तब्दील कर दिए गए। नई सड़को के स्वीकृत होने के बाद वर्तमान में बनी सड़को को नजरअंदाज कर दिया। नई सड़को का कार्य शुरू तो हुवा लेकिन कछुआ गति से काम चलने की स्थिति में वाहन चालको को भारी परेशानीया का सामना करना पड़ रहा है और आये दिन वाहन दुर्धटनाओ का शिकार हो रहे हैं । झाबुआ-रतलाम मार्ग पर बने माही नदी के पुल की रेलिंग की स्थिति इतनी जर्जर हो चुकी हैं कि अगर वाहन थोड़ा सा भी अनियंत्रित हुवा तो सीधा नदी में समा जाएगा।
मामला रतलाम-झाबुआ मार्ग का है। इस मांर्ग पर स्थित माही नदी जैसे बड़े पुल सहित करवड़ से रानीसिग के बीच बने छोटे पुलों की रेलिंग की स्थिति इतनी भयावह हो चली है कि पुलों से गुजरने वाले छोटे-बड़े वाहनों को दुर्घटना का भय बना रहता है, खास कर पूल पर वाहन क्रासिंग होती है जब दुर्धटना का भय और भी बढ़ जाता है। इन पुलों की रेलिंग पूरी तरह से जजर्र होकर कई स्थानों पर टूट कर बिना रेलिंग के पुल की स्थिति बन गई है । ग्राम करवड़,घघुरि के पास बने पुलों की भी यही स्थिति है। इस मार्ग के निर्माण के दौरान निर्माण एजेंसी ने कई पुल नये बनाये लेकिन कई पुलों को मरम्मत कर उसी पर नई सड़क बना दी, ठेकेदार द्वारा नई रेलिंग तक नही बनाई गई और पुरानी सीमेंट के खम्बो में बनी पुरानी रेलिंग को ही जस का तस रखा है।
माही नदी पर स्थित भयावह
रतलाम मार्ग पर पड़ने वाली बड़ी नदी माही नदी है। जिस पर आज भी वर्षो पूर्व पुल निर्माण के साथ बनी रेलिंग ही बनी हुई है। सीमेंट के खम्बो से बनी रेलिंग के कई बड़े हिस्से जर्जर होकर गिर चुके हैं। और ट्रक जैसे वाहन भी इस टूटी रेलिंग से सीधे नदी में गिर जाए। वाहनों की क्रासिंग के दौरान दुर्धटना का भय और बढ़ जाता है। एक दो स्थानों पर इट की पतली से दीवार बना कर माही नदी की रेलिंग को ठीक करने का प्रयास किया लेकिन पुल के दूसरे हिस्से की रेलिंग कई स्थानों से टूट कर समाप्त हो गई है।
चंद्रवीर सिंह राठौर पूर्व जिला पंचायत उपाध्यक्ष झाबुआ
सड़क गड्डो में हुई तब्दील:
पुलों की रेलिंग के साथ साथ रतलाम मार्ग पर कई स्थानों पर सड़क गड्डो में तब्दील हो चुकी है। अच्छी भली सड़क पर अचानक बड़े बड़े गड्ढे ओर टूटी सड़क आने से वाहनों को भारी नुकसान हो रहा है। ग्राम मोर, घुघरी सहित रानीसिग तक कई गाँव के बहार और आसपास सड़क की पुरी तरह से टूट गई और सड़क गड्डो में तब्दील हो चुकी हैं। वाहन चालको की छोटी सी चूक बड़े हादसे को निमंत्रण देती दिख रही है। इधर बरसात की स्थिति में ये गड्ढे ओर जानलेवा हो चुके है जिनमे पानी भरे होने के कारण गड्डो की जानकारी तक नही हो पाती। स्थिति इतनी गंभीर हो चुकी है कि अब रतलाम जाना हो तो बदनावर हो कर जाना पड़ता है। सड़क निर्माण के पहले गड्डो की भरपाई होनी चाहिए।
योगेंद्र सिंह राठौड़ पूर्व जनपद उपाध्यक्ष पेटलावद
सड़क की स्थिति गंभीर
रतलाम रोड की स्थिति काफी गम्भीर है और करवड़ से लगाकर करमदी तक लगभड़ दर्जनों जगह बड़े बड़े गड्डो में तब्दील हो चुकी है। जिससे गुजरने वाले वाहनों पर दुर्धटना का खतरा बना रहता है। पूरे मार्ग को थोड़ी थोड़ी दूर पर बनाया गया हैं और कई जगह मार्ग को जजर्र हालत में छोड़ दिया गया है। जब तक सड़क का निर्माण प्रारम्भ हो तबतक गड्डो को भरवाकर मांर्ग दुरुस्त करने चाहिए।
ओम प्रकाश अग्रवाल व्यापारी
कछुआ गति से चल रहा है कार्य
रतलाम-झाबुआ मार्ग को सरकार ने नवीन फोर लाइन निर्माण के लिए स्वीकृत किया है। मार्ग का कार्य वर्तमान में थांदला से बामनिया मार्ग पर शुरू है जो काफी धीमी गति से चल रहा है, निर्माण कार्य मे कोई खास तेजी नही होने से अभी लोगों को लंबे समय तक इस जर्जर मार्ग का ही उपयोग करना पड़ेगा। फिलहाल निर्माण एजेंसी और एमपीआरडीसी को मार्ग की रिपेयरिंग करना चाहिये जिससे मार्ग नया बने इससे पूर्व लोगो की यात्रा थोड़ा सुगम हो सके।
संदीप पाटीदार नागरिक सारंगी
फोर लाइन निर्माण कार्य प्रारंभ
रतलाम झबुआ लगभग 100 किमी फोर लाइन सड़क का निर्माण कार्य 450 करोड़ की लागत से छोटी धामनी (झाबुआ) से प्रारम्भ हो गया है। दो साल के भीतर इस कार्य को पूर्ण करने की अवधि है। करवड़ से रतलाम के बीच सड़क बड़े बड़े गड्डो में तब्दील हो चुकी है। जिससे ठेकेदार को बोलकर गड्ढे भरवाए जाएंगे।
प्रदीप श्रीवास्तव एजी एम एमपी आर डीसी धार।