झाबुआ

कुपोषण मुक्त झाबुआ की दिशा में एक और कदम : ‘मोटी आई कैम्पेन 2.0’ का हुआ शुभारंभ…!

#Jhabuahulchul 

झाबुआ@हरीश यादव 

जिले को कुपोषण से मुक्त करने की दिशा में झाबुआ प्रशासन ने एक और ठोस कदम उठाया है। कलेक्टर नेहा मीना की पहल पर ‘मोटी आई कैम्पेन 2.0’ का शुभारंभ 18 जून 2025 को थांदला विकासखण्ड से किया गया। यह अभियान जिले में कुपोषित बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हेतु संचालित हो रहा है।

पहले चरण की सफलता बनी प्रेरणा

‘मोटी आई कैम्पेन’ का पहला चरण जुलाई 2024 में प्रारंभ किया गया था, जिसमें 1,950 अतिकम वजन और बॉर्डरलाइन बच्चों को चिन्हित कर विशेष गतिविधियां चलाई गईं। चिन्हांकित बच्चों में से 1,718 बच्चों के पोषण स्तर में सुधार हुआ।

1,272 बच्चे सामान्य श्रेणी में परिवर्तित हुए।

446 बच्चे मध्यम कुपोषण श्रेणी में आए।

इस अभूतपूर्व सफलता के आधार पर अब इसका द्वितीय चरण शुरू किया गया है, जिसे ‘मोटी आई कैम्पेन 2.0’ नाम दिया गया है।

‘मोटी आई कैम्पेन 2.0’ : दूसरा चरण, नई रणनीति

दूसरे चरण के लिए अप्रैल–मई 2025 में पुनः सर्वेक्षण किया गया, जिसमें

232 बच्चे पहले चरण में शेष पाए गए।

390 नए बच्चे चिन्हांकित किए गए।

कुल मिलाकर 622 बच्चों को लक्ष्य में शामिल किया गया है।

इस चरण की शुरुआत थांदला विकासखण्ड से की गई, जहां कलेक्टर नेहा मीना की अध्यक्षता में स्वास्थ्य विभाग व महिला एवं बाल विकास विभाग के अमले की संयुक्त बैठक आयोजित की गई और स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए।

कैसे काम करेगा यह अभियान ?

इस अभियान के अंतर्गत विभिन्न गतिविधियाँ मैदान स्तर पर संचालित की जाएंगी :

प्रत्येक शनिवार स्वास्थ्य परीक्षण : आशा, एएनएम, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता मिलकर प्रत्येक चिन्हित बच्चे का स्वास्थ्य परीक्षण करेंगी।

मालिश और पोषण आहार : आंगनवाड़ी केंद्रों पर बच्चों की मालिश, पोषण आहार का वितरण एवं THR से बने व्यंजनों का उपयोग सिखाया जाएगा।

अभिभावकों को पोषण शिक्षा : माता-पिता को संतुलित आहार की जानकारी दी जाएगी, जिससे वे घरेलू स्तर पर सुधार कर सकें।

प्रोफाइल कार्ड और मॉनिटरिंग : प्रत्येक बच्चे की स्वास्थ्य प्रोफाइल बनाई जाएगी और नियमित रूप से अपडेट की जाएगी।

एनआरसी की भूमिका :

जिले में 6 एनआरसी (न्यूट्रिशनल रिहैबिलिटेशन सेंटर) संचालित हैं, जिनकी बैड ऑक्युपेंसी संख्या 80 है। अत्यंत कुपोषित (सैम श्रेणी) बच्चों को यहाँ भर्ती कर समुचित देखभाल और उपचार दिया जा रहा है।

परियोजनावार चिन्हांकित बच्चे (मई 2025 तक) :

परियोजना चिन्हांकित बच्चे :
झाबुआ 121
मेघनगर 101
पेटलावद 143
रामा 101
राणापुर 90
थांदला 66

कलेक्टर का दृष्टिकोण :

कलेक्टर नेहा मीना ने बताया हमारा प्रयास है कि कोई भी बच्चा कुपोषण की श्रेणी में न रहे। मोटी आई कैम्पेन 2.0 के अंतर्गत हर चिन्हित बच्चे को सामान्य पोषण स्तर में लाना हमारी प्राथमिकता है।

उन्होंने यह भी कहा कि विभागीय समन्वय, नियमित निगरानी और समुदाय की भागीदारी से यह लक्ष्य अवश्य प्राप्त होगा।

समापन संदेश :

‘मोटी आई कैम्पेन 2.0’ ना सिर्फ प्रशासनिक दृढ़ता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि स्थानीय नवाचार और जमीनी क्रियान्वयन के माध्यम से बड़ी सामाजिक समस्याओं से निपटा जा सकता है। झाबुआ का यह मॉडल अन्य जिलों के लिए भी प्रेरणादायक उदाहरण बनकर उभर रहा है।

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