धरती आबा अभियान : “हर आदिवासी तक अधिकार, हर गांव में विकास” – कलेक्टर नेहा मीना..!

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झाबुआ@हरीश यादव
15 जून से 30 जून 2025 तक झाबुआ जिले में चलाया जाएगा धरती आबा जन भागीदारी अभियान, जिसका उद्देश्य है – आदिवासी समाज तक सीधे सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाकर उन्हें सशक्त बनाना और जागरूकता को जन आंदोलन में बदलना।
इस अभियान की तैयारियों को अंतिम रूप देने के लिए कलेक्टर नेहा मीना की अध्यक्षता में जिला स्तरीय अधिकारियों की अहम बैठक संपन्न हुई।
कलेक्टर के निर्देश: गांव-गांव शिविर, हर हाथ को अधिकार
बैठक में कलेक्टर ने स्पष्ट शब्दों में निर्देशित किया:
“यह सिर्फ अभियान नहीं, जिम्मेदारी है – हमें सुनिश्चित करना है कि कोई भी पात्र व्यक्ति किसी योजना से वंचित न रहे।”
सभी ग्राम पंचायतों एवं क्लस्टरों में तिथि निर्धारण के अनुसार शिविर आयोजित किए जाएंगे।
धरती आबा सखा-सखी बनाए जाएंगे जो घर-घर जाकर लोगों को जागरूक करेंगे।
लाभार्थियों को आधार, राशन कार्ड, आयुष्मान कार्ड, जाति व मूल निवासी प्रमाण-पत्र, किसान क्रेडिट कार्ड, सामाजिक सुरक्षा पेंशन, मुद्रा ऋण जैसे लाभ मौके पर प्रदान किए जाएंगे।
शिक्षा व स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए विद्यार्थियों के प्रोफाइल पंजीयन, सिकल सेल एनीमिया स्क्रीनिंग और टीकाकरण जैसे कार्य भी इन शिविरों में होंगे।
जनजागरूकता भी बनेगी आंदोलन
अभियान को जन-जन तक पहुंचाने के लिए :
स्थानीय भीली बोली में नुक्कड़ नाटक, जनगीत, रैलियों व जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन होगा।
खास ध्यान महिलाओं, युवाओं व वृद्धजनों पर रहेगा ताकि हर वर्ग तक लाभ की पहुँच सुनिश्चित की जा सके।
प्रशासनिक तालमेल से बनेगा आदर्श मॉडल
कलेक्टर ने सभी विभागों को शिविरों में भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। क्लस्टर स्तर पर अधिकारियों की ड्यूटी तय की गई है, ताकि समन्वित प्रयासों से एक ही दिन में अधिकतम लाभ वितरण सुनिश्चित किया जा सके। साथ ही अनुभाग स्तर पर बैठकें लेकर तैयारियाँ पूरी करने के निर्देश भी दिए गए।
बैठक में जिला पंचायत सीईओ जितेन्द्र सिंह चौहान, सहायक कलेक्टर आशीष कुमार, एसडीएम भास्कर गाचले, जनजातीय कार्य विभाग की सहायक आयुक्त निशा मेहरा, सीएमएचओ डॉ. बीएस बघेल सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। सभी को क्लस्टर-वार जिम्मेदारी दी गई है।
अभियान की मुख्य विशेषताएँ :
ग्राम एवं क्लस्टर स्तर पर शिविरों का आयोजन, शेड्यूल के अनुसार। धरती आबा सखा-सखी बनाकर समुदाय में जागरूकता और भागीदारी बढ़ाना। वन-स्टॉप सॉल्यूशन मॉडल के तहत अनेक योजनाओं का लाभ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराना।
कलेक्टर का संदेश :
“धरती आबा अभियान सिर्फ एक सरकारी पहल नहीं, यह जनसहभागिता से जुड़ा आंदोलन है। हमारा लक्ष्य है – कोई भी योजना, कोई भी अधिकार – आदिवासी समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुँचे।”