पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल ने खेलों को बताया जीवन निर्माण का माध्यम,,,झाबुआ में ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का हुआ भव्य समापन, 750 से अधिक खिलाड़ियों ने लिया भाग..!

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झाबुआ@हरीश यादव
झाबुआ पुलिस द्वारा आयोजित ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर का समापन समारोह शुक्रवार को पुलिस लाइन स्थित सामुदायिक भवन में उत्साह और गरिमा के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल ने युवाओं को खेलों के माध्यम से जीवन निर्माण का संदेश दिया और झाबुआ जिले में उभरती खेल प्रतिभाओं की सराहना की।
अपने प्रेरणादायी संबोधन में पुलिस अधीक्षक शुक्ल ने कहा कि खेल केवल प्रतिस्पर्धा का माध्यम नहीं, बल्कि अनुशासन, समर्पण, टीम भावना और नेतृत्व जैसे जीवनमूल्यों को विकसित करने वाला एक मार्ग है। जितना आप खेल में लगन से निवेश करेंगे, यह आपको आत्मबल, पहचान और सफलता के रूप में लौटाएगा।
उन्होंने कहा कि झाबुआ जैसे आदिवासी बहुल जिले में बच्चों की खेलों के प्रति रुचि और सहभागिता यह दर्शाती है कि यहां प्रतिभा की कोई कमी नहीं है, आवश्यकता है तो केवल उचित मार्गदर्शन और अवसर की। शुक्ल ने शिविर में प्रशिक्षण ले रहे खिलाड़ियों से संवाद करते हुए खेल संबंधी प्रश्न भी पूछे, जिनका उत्तर बच्चों ने आत्मविश्वास से देकर सभी को प्रभावित किया।
भविष्य की नींव है खेल :
पुलिस अधीक्षक ने खिलाड़ियों से यह भी आग्रह किया कि वे खेल को केवल मनोरंजन न समझें, बल्कि इसे एक सुनहरे भविष्य की दिशा में गंभीर प्रयास के रूप में देखें। उन्होंने प्रशिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि उनके समर्पण से ही शिविर को सफलता मिली है।
विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति ने बढ़ाई गरिमा :
समारोह में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रेमलाल कुर्वे, भारतीय कराटे टीम के कोच जयदेव शर्मा (भोपाल), अंतरराष्ट्रीय कुश्ती खिलाड़ी नीतू शर्मा, और जिला कराटे एसोसिएशन के अध्यक्ष उमंग सक्सेना विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने भी खिलाड़ियों का उत्साहवर्धन किया और खेलों में अनुशासन व तकनीकी कौशल पर मार्गदर्शन दिया।
14 खेलों में मिला प्रशिक्षण, जारी रहेगा अभ्यास :
जिला खेल अधिकारी विजय कुमार सलाम ने बताया कि शिविर का आयोजन जिला मुख्यालय सहित विभिन्न विकासखंडों पर किया गया, जिसमें करीब 750 खिलाड़ियों ने भाग लिया। शिविर में हैंडबॉल, तीरंदाजी, एथलेटिक्स, खो-खो, कबड्डी, बास्केटबॉल, सेल्फ डिफेंस, वॉलीबॉल, फुटबॉल, टेबल टेनिस, बॉक्सिंग, वेटलिफ्टिंग, बैडमिंटन और कराटे जैसे 14 खेलों में विशेषज्ञ प्रशिक्षकों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण के बाद भी खिलाड़ियों का अभ्यास जारी रहेगा ताकि वे राज्य और राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में जिले का प्रतिनिधित्व कर सकें।
सम्मान और समर्पण की झलक :
समारोह में सभी प्रशिक्षकों को ट्रैकसूट और खिलाड़ियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। पूरे आयोजन में खिलाड़ियों, अभिभावकों और प्रशिक्षकों की सक्रिय व उत्साहपूर्ण भागीदारी रही।
समापन अवसर पर पुलिस अधीक्षक पद्मविलोचन शुक्ल ने पुनः सभी से अपील की कि “खेलों को झाबुआ की संस्कृति और शिक्षा का अभिन्न हिस्सा बनाएं, ताकि हम एक स्वस्थ, अनुशासित और लक्ष्य-सचेत युवा पीढ़ी का निर्माण कर सकें।