विश्व सिकल सेल दिवस पर सिकल सेल जागरूकता कार्यक्रम सह शिविर का भव्य आयोजन,,,कलेक्टर नेहा मीना की अध्यक्षता में बाढ़कुआ नर्सिंग कॉलेज में हुआ आयोजन,,,561 ओपीडी, 160 स्क्रीनिंग, 22 वैक्सीनेशन और 60 दिव्यांग प्रमाण पत्र जारी..!

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झाबुआ@हरीश यादव
विश्व सिकल सेल दिवस के अवसर पर गुरुवार को शासकीय नर्सिंग कॉलेज बाढ़कुआ में सिकल सेल जागरूकता कार्यक्रम सह स्वास्थ्य शिविर का भव्य आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कलेक्टर नेहा मीना ने की। इस अवसर पर समाज में जागरूकता लाने, सिकल सेल पीड़ितों के इलाज और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ने के उद्देश्य से कई महत्वपूर्ण गतिविधियाँ आयोजित की गईं।
कार्यक्रम की शुरुआत माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इस दौरान बड़वानी के तलून से हो रहे राज्य स्तरीय कार्यक्रम का लाइव प्रसारण भी उपस्थितजनों ने देखा।
7 लाख की स्क्रीनिंग, 1,300 मरीज, 14,000 वाहक
अपने संबोधन में कलेक्टर ने बताया कि जिले में अब तक करीब 7 लाख लोगों की सिकल सेल स्क्रीनिंग की जा चुकी है, जिनमें से 1,300 से अधिक मरीज और लगभग 14,000 वाहक चिन्हित किए गए हैं। उन्होंने राष्ट्रीय सिकल सेल उन्मूलन मिशन 2047 के तहत स्क्रीनिंग, रोग प्रबंधन, परामर्श तथा जन-जागरूकता के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला।
सामाजिक सुरक्षा और सशक्तिकरण की पहल
कलेक्टर मीना ने सिकल सेल पीड़ित एक बच्चे और उसकी माता से संवाद करते हुए उन्हें विशेष सावधानियाँ बरतने, सिकल सेल जेनेटिक कार्ड एवं सामाजिक सुरक्षा पेंशन का लाभ लेने की सलाह दी। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग और सामाजिक न्याय विभाग को निर्देश दिए कि सिकल सेल मरीजों को प्रो-एक्टिव तरीके से चिन्हित कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र, पेंशन योजना और शासन की अन्य कल्याणकारी योजनाओं से शीघ्र जोड़ें।
उन्होंने उपस्थित अभिभावकों से आग्रह किया कि सिकल सेल से जुड़ी भ्रांतियों से दूर रहें, विवाह से पूर्व जेनेटिक कार्ड की जांच अवश्य करवाएं और बच्चों की नियमित देखभाल करें।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी का मार्गदर्शन :-
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बी.एस. बघेल ने बताया कि चिन्हित मरीजों को हाइड्रॉक्सी यूरिया एवं फॉलिक एसिड की दवाइयाँ दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि सिकल सेल मरीजों को इंदिरा गांधी निःशक्त पेंशन योजना, मुख्यमंत्री शिक्षा प्रोत्साहन योजना, दिव्यांग छात्रवृत्ति, छात्रावास योजना, उच्च शिक्षा में शुल्क माफी, परिवहन भत्ता तथा सरकारी सेवाओं में आरक्षण जैसे अनेक लाभ दिए जाते हैं।
उन्होंने कहा कि 6 से 18 वर्ष की आयु तक के बच्चों को मुफ्त शिक्षा का अधिकार और सभी सार्वजनिक भवनों में सुगम पहुँच सुनिश्चित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है।
कार्यक्रम में बीए द्वितीय वर्ष की एक छात्रा ने अपनी सिकल सेल से जूझने की यात्रा साझा की। उन्होंने बताया कि उन्हें 8 वर्ष की आयु में यह रोग ज्ञात हुआ। अब नियमित दवाइयाँ लेकर पढ़ाई कर रही हैं और आगे चलकर पीएससी की तैयारी कर समाज सेवा में जीवन समर्पित करना चाहती हैं। उनकी बातों ने उपस्थितजनों को गहराई से प्रभावित किया।
शिविर में ठोस परिणाम : 561 ओपीडी, 160 स्क्रीनिंग, 22 वैक्सीनेशन
सिकल सेल नोडल अधिकारी डॉ. संदीप चोपड़ा ने बताया कि शिविर के दौरान 561 मरीजों की ओपीडी, 160 लोगों की स्क्रीनिंग, 22 मरीजों को न्यूमोकोकल वैक्सीन और 60 मरीजों के दिव्यांग प्रमाण पत्र बनाए गए।
कार्यक्रम में सभी उपस्थितों को सिकल सेल पर आधारित जागरूकता वीडियो भी दिखाई गई, जिसमें इसके कारण, लक्षण, सावधानियाँ और रोकथाम के उपायों की विस्तार से जानकारी दी गई।
विशिष्ट उपस्थिति :-
इस दौरान संयुक्त कलेक्टर अक्षय सिंह मरकाम, एएनएम, नर्सिंग छात्राएं, स्थानीय ग्रामीणजन एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
यह शिविर केवल एक चिकित्सा पहल नहीं बल्कि जन-जागरूकता, सरकारी सहभागिता और सामाजिक सशक्तिकरण का संगम था। सिकल सेल जैसी गंभीर बीमारी से लड़ने की यह पहल एक उदाहरण है कि कैसे प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और समाज एक साथ आकर बेहतर भविष्य की राह बना सकते हैं।