
#Jhabuahulchul
रायपुरिया@राजेश राठौड़
नगर में आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन रुक्मणी विवाह का दिव्य आयोजन भक्तिभाव एवं उल्लास के वातावरण में संपन्न हुआ। जैसे ही भगवान श्रीकृष्ण रुक्मणी से विवाह करने पंडाल में पहुंचे, पूरा परिसर “भगवान श्रीकृष्ण” के जयघोष से गूंज उठा। भक्ति भाव में डूबे श्रोताओं की आंखें छलक पड़ीं, वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया।
कथा वाचक साध्वी ममता जी पाठक ने अपने प्रवचनों में कहा कि सच्चे हृदय से यदि भगवान को पुकारा जाए, तो वे दौड़े चले आते हैं। उन्होंने कहा कि हमें मां लक्ष्मी के बालक बनकर रहना चाहिए, न कि उसके मालिक। धन रूपी लक्ष्मी का कभी अहंकार नहीं करना चाहिए।
रुक्मणी विवाह के अवसर पर भक्तों ने श्रद्धा पूर्वक सींचावनी की और भजनों की धुन पर झूमते नजर आए। कार्यक्रम का समापन कल अंतिम दिवस की कथा के साथ होगा, जिसमें सुदामा चरित्र सहित अन्य प्रसंगों का वर्णन किया जाएगा।