कलेक्टर मैडम एक नजर इस विधवा व्यथा पर,,,जो बच्चे की मौत के आंसू पूछ कर योजना के लिए भटकती..!

#Jhabuahulchul
बामनिया@जितेंद्र बैरागी
ग्राम पंचायत बामनिया की एक विधवा महिला जो अपनी बेटी के साथ मिलकर बामनिया के घरों में बर्तन साफ कर अपनी जीविका चला रही है। अपने बेटे की मौत के बाद अपने आप को मजबूत कर आंसू पूछ कर। संबल योजना का लाभ लेने हेतु।सभी दस्तावेज ग्राम पंचायत बामनिया भटक भटक कर तीन बार जमा कर चुकी है। परंतु करीब डेढ़ वर्ष बाद भी योजना के लाभ से आज दिनांक तक खाली हाथ है।
बामनिया ग्राम पंचायत सरपंच से लेकर, विधायक, सांसद, कैबिनेट मंत्री कलेक्टर, सभी नारी शक्ति है। परंतु फिर भी किसी जनप्रतिनिधि ने विधवा महिला की आवाज उन तक नहीं पहुंचाई।
विधवा महिला ने बताया कि मैं मेरे घर पर कमाई करने वाला कोई नहीं है। मैं अपनी बेटी के साथ मिलकर घर-घर जाकर बर्तन साफ करती हूं।
ग्राम पंचायत बामनिया सरपंच रामकन्या मखोड का कहना है। संबल योजना के सभी दस्तावेज महिला से लेकर हमने पेटलावद कार्यालय में भेज दिए हैं।आगामी सभी कार्रवाई वहीं से होती है।