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झाबुआ@हरीश यादव
जिला पंचायत में गुरुवार को हुए अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को करारा झटका लगा। कांग्रेस की जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष अपने पदों पर बरकरार रहेंगे। वोटिंग के दौरान भाजपा के पक्ष में 10 मत पड़े, जबकि कांग्रेस को 3 मत मिले। एक वोट रिजेक्ट होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव पास नहीं हो सका। प्रस्ताव को सफल बनाने के लिए भाजपा को कम से कम 11 मतों की आवश्यकता थी, जिसमें वह एक मत से चूक गई।जिला पंचायत में इस अविश्वास प्रस्ताव को लेकर पिछले कुछ दिनों से सियासी सरगर्मी तेज थी। भाजपा ने कांग्रेस नेतृत्व को हटाने के लिए जोर-शोर से रणनीति बनाई थी, लेकिन वोटिंग के नतीजों ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। कांग्रेस ने इस जीत को अपनी एकजुटता और रणनीतिक मजबूती का प्रतीक बताया है। दूसरी ओर, भाजपा नेताओं ने मतदान प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए हार के कारणों की समीक्षा शुरू कर दी है।यह नतीजा झाबुआ की स्थानीय राजनीति में कांग्रेस की स्थिति को और मजबूत करने वाला माना जा रहा है, जबकि भाजपा को अपनी रणनीति पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।
वही फिलहाल झाबुआ जिला पंचायत अध्यक्ष उपाध्यक्ष के खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर पेंच फस गया है और प्रशासन द्वारा अधिकृत रूप से घोषणा नहीं की गई है , जो मत रिजेक्ट हुआ है उस पर मंथन चल रहा है भाजपा कांग्रेस दोनों बाहर प्रशासन के घोषणा की इंतजार कर रहे है।