
#Jhabuahulchul
मेघनगर@मुकेश सोलंकी
कारखानों से निकलने वाले प्रदूषित जल को पेयजल स्रोतों में छोड़ने के चलते मेघनगर में आम नागरिकों के लिए एक बार फिर से गंभीर समस्या उत्पन्न हो गई है। केंद्र सरकार की मुख्य योजनाओं में से एक नल जल योजना के अंतर्गत शहर में घर-घर नल लगाए गए थे और नलों से जलप्रदाय भी शुरू हो चुका था किंतु जिस जल स्रोत से नल जल योजना के अंतर्गत जल प्रदाय करने हेतु पानी का स्टोरेज करके उसे शुद्ध किया जाता है उसी जल स्रोत में मेघनगर के कारखानों द्वारा उनकी फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषित जल को छोड़कर उस जल स्रोत को ही प्रदूषित कर दिया गया है जिसके चलते इस गर्मी के मौसम में आम नागरिकों की फजियत हो रही है और पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। आपको बता दे कि पिछले वर्ष भी इसी तरह से कारखाना से निकलने वाला प्रदूषित जल इसी जल स्रोत में मिल गया था जिसके चलते पानी का कलर पीला हो गया था और लोगों को कई दिनों तक पीला जलप्रदाय किया गया और बाद में नागरिकों की शिकायत के बाद जलप्रदाय बंद कर दिया गया था। कई महीनो के बाद लगभग दो माह पूर्व ही पुनः जलप्रदाय शुरू हुआ था लेकिन बेमौसम बरसात के चलते फैक्ट्री से छोड़ा गया लाल रंग का प्रदूषित जल वर्षा के पानी के बहाव के साथ जल स्रोत में मिल गया जिससे पूरा का पूरा जल स्रोत का पानी लाल रंग में परिवर्तित हो गया जोकि तस्वीरों में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है । नगर परिषद मेघनगर सीएमओ राहुल सिंह वर्मा से फोन पर बात करने पर उनके द्वारा बताया गया की नल जल योजना के अंतर्गत नगर परिषद मेघनगर द्वारा जलप्रदाय अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है जिसे जल्द ही शुरू करने का प्रयास किया जा रहा है। हमारे संवाददाता जब वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पहुंचे तो वहां पर कोई भी जवाबदार अधिकारी – कर्मचारी उपलब्ध नहीं था।