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खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया
गर्मी के इस भीषण मौसम में पानी की समस्या विकराल रूप धारण कर चुकी है, लेकिन ग्राम पंचायत की लचर व्यवस्था के कारण ग्रामीणों को कोई राहत नहीं मिल रही है। नलों में पानी कभी 8 दिन में तो कभी 10 दिन में एक बार आ रहा है, जिससे महिलाओं को दूर-दूर तक पानी भरने के लिए भटकना पड़ रहा है।
हर साल दोहराई जा रही पानी की समस्या
ग्राम पंचायत खवासा, जो एक बड़ा और आबादी वाला क्षेत्र है, हर साल गर्मी में पानी की किल्लत से जूझता है। लेकिन पंचायत इस समस्या का स्थायी समाधान निकालने में नाकाम साबित हो रही है। गांव के कई मोहल्लों में 12-12 दिन तक पानी नहीं पहुंच पा रहा है, जिससे लोगों को भारी परेशानी हो रही है
पानी कर की वसूली, लेकिन आपूर्ति नहीं
ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम पंचायत पानी के लिए कर वसूलती है, लेकिन बदले में नियमित जल आपूर्ति नहीं कर पा रही। चुनाव के समय सरपंच पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने के वादे करते हैं, लेकिन बाद में कोई ध्यान नहीं दिया जाता। पाटीदार मोहल्ले में तो 12 दिन में एक बार ही पानी आ रहा है, जबकि अन्य क्षेत्रों में अपनी सुविधा के अनुसार सरपंच पानी की आपूर्ति करा रहे हैं।
महिलाओं की बढ़ी परेशानी, मांग उठी जल आपूर्ति की सूचना देने की
गांव की महिलाओं ने मांग की है कि ग्राम पंचायत को पानी की आपूर्ति का सही प्रबंधन करना चाहिए, ताकि किसी भी मोहल्ले में पानी की किल्लत न हो। उन्होंने सुझाव दिया कि पंचायत को वाट्सएप ग्रुप बनाकर पानी आपूर्ति की सूचना पहले से देनी चाहिए, ताकि लोग समय पर पानी भर सकें।
जल जीवन मिशन के बावजूद पानी नहीं मिल रहा!
गांव में केंद्र सरकार की जल जीवन मिशन योजना के तहत करोड़ों की लागत से बनी टंकी है, जिससे भामल गांव में पानी सप्लाई किया जाता है। लेकिन यह टंकी खवासा के ग्रामीणों को पर्याप्त पानी नहीं दे पा रही, जो कि एक विचारणीय प्रश्न है।
जल संकट का समाधान जरूरी
ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही पानी की समस्या का समाधान नहीं किया गया तो उन्हें आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। ग्राम पंचायत को चाहिए कि वह पानी की आपूर्ति सुचारू रूप से करने के लिए उचित योजना बनाए और हर मोहल्ले में नियमित पानी उपलब्ध कराए।