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पेटलावद डेस्क। भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ, नई दिल्ली एवं जिला सहकारी संघ, झाबुआ के संयुक्त तत्वाधान में पेटलावद तहसील के आरसीसी परिसर में मत्स्य पालन सहकारी संस्थाओं के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष एवं संचालकों के लिए तीन दिवसीय नेतृत्व विकास प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। यह प्रशिक्षण 27 फरवरी से 1 मार्च 2025 तक चला, जिसका समापन आज 1 मार्च को हुआ।
समापन कार्यक्रम में मुख्य रूप से सहकारी प्रशिक्षण केंद्र के पूर्व प्राचार्य श्री निरंजन कुमार कसारा एवं श्री के.एल. राठौर उपस्थित रहे। अपने उद्बोधन में उन्होंने प्रशिक्षार्थियों को सहकारी संस्थाओं की प्रबंधन व्यवस्था, सहकारिता के सैद्धांतिक पहलू, सहकारिता की अंकेक्षण व्यवस्था, निर्वाचन प्रक्रिया एवं नेतृत्व विकास के चरणों पर विस्तृत जानकारी दी।
सहकारी संघ की गतिविधियां और अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष
जिला सहकारी संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दुर्गेश पालीवाल ने कार्यक्रम के दौरान जिला सहकारी संघ द्वारा संचालित प्रशिक्षण गतिविधियों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 को पूरे विश्व में अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। इस वर्ष का विषय है— “सहकारी समितियां वैश्विक स्तर पर विश्व का बेहतर निर्माण कर सकती हैं।” इसी के अंतर्गत, जिला सहकारी संघ पूरे वर्ष जिले में शिक्षा एवं प्रशिक्षण से संबंधित विभिन्न गतिविधियों का संचालन करता रहेगा।
प्रशिक्षार्थियों को कराया गया प्रायोगिक भ्रमण
इस प्रशिक्षण में मत्स्य पालन सहकारी संस्थाओं से जुड़े लगभग 50 प्रशिक्षार्थियों ने भाग लिया। कार्यक्रम के दौरान प्रशिक्षार्थियों को ग्राम सारंगी स्थित टमाटर केचप सेंटर का भ्रमण भी कराया गया, जिससे वे व्यावहारिक जानकारी प्राप्त कर सकें।
प्रशिक्षार्थियों को वितरित किए गए उपहार
कार्यक्रम के अंत में प्रशिक्षार्थियों को स्मृति चिह्न के रूप में पेन, पौधे एवं बैग का वितरण किया गया। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम ने सहकारी नेतृत्व के विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भविष्य में सहकारी संस्थाओं को अधिक संगठित व प्रभावी रूप से संचालित करने की दिशा में मार्गदर्शन प्रदान किया।