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पर्यावरण प्रेमी बद्रीलाल पाटीदार का निधन,,,क्षेत्र में शोक की लहर…!

#Jhabuahulchul 

रायपुरिया@राजेश राठौड़ 

बरवेट क्षेत्र के प्रतिष्ठित पर्यावरणविद् एवं स्थानीय प्रशासन से सम्मानित बद्रीलाल पाटीदार का हाल ही में 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया। देह त्यागने से एक दिन पूर्व भी उन्होंने वृक्षों को पानी पिलाया और उनके संरक्षण की अपील की। उनके निधन से पर्यावरण संरक्षण क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।

छह दशक पर्यावरण संरक्षण को समर्पित बद्रीलाल पाटीदार को क्षेत्र में ‘पर्यावरण प्रेमी’ के नाम से जाना जाता था। गरीबी और कठिनाइयों के बावजूद उन्होंने प्रकृति के प्रति अपने प्रेम को कभी कम नहीं होने दिया। अपने जीवन के छह दशक से अधिक समय उन्होंने वृक्षारोपण एवं उनके संरक्षण में व्यतीत किया। उनके द्वारा लगाए गए अनेक पौधे आज विशाल वृक्ष बनकर क्षेत्र में हरियाली फैला रहे हैं।

सार्वजनिक स्थानों पर हरियाली का विस्तार बद्रीलाल पाटीदार ने बरवेट नगर के देवालयों, मुक्तिधाम, विद्यालय परिसरों, सहकारी संस्थानों, बस स्टैंड सहित सार्वजनिक स्थलों पर सैकड़ों पौधे रोपे और उनका संरक्षण किया। आज उनके लगाए हुए वृक्ष भीषण गर्मी में लोगों को छांव प्रदान कर रहे हैं।

सम्मान और उपलब्धियां पर्यावरण संरक्षण में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें वर्ष 2013-14 में तत्कालीन कलेक्टर जय श्री कियावत एवं 2023 में पेटलावद एसडीएम अनिल कुमार राठौर द्वारा सम्मानित किया गया। उनका योगदान स्थानीय से राष्ट्रीय स्तर तक सराहा गया। वे कई सामाजिक एवं पर्यावरण संगठनों से भी जुड़े रहे।

प्रेरणा का प्रतीक बद्रीलाल पाटीदार का जीवन पर्यावरण प्रेमियों के लिए प्रेरणा है। उनकी सादगी, मेहनत और दृढ़ संकल्प ने उन्हें ‘पर्यावरण का सच्चा संरक्षक’ बना दिया। उन्होंने भीषण गर्मी में नंगे पांव चलकर पौधों को पानी पिलाया और यह सिद्ध किया कि संसाधनों की कमी भी दृढ़ निश्चय को नहीं रोक सकती।

अंतिम विदाई एवं श्रद्धांजलि उनका अंतिम संस्कार स्थानीय मुक्तिधाम पर किया गया, जहां बड़ी संख्या में उनके परिवारजन, प्रशंसक एवं स्थानीय लोग मौजूद रहे। उनके निधन से क्षेत्र में शोक की लहर है।

यादों में जीवित रहेंगे बद्रीलाल पाटीदार का निधन पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक बड़ी क्षति है। उनका समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत रहेगा। उनके द्वारा लगाए गए सैकड़ों वृक्ष उनकी स्मृति को सदैव जीवित रखेंगे।

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