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MPPSC परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली सरोज मिस्त्री का अपने ननिहाल में हुआ भव्य स्वागत,,,सोशल मीडिया (मोबाईल) के दौर लड़कियों के लिए प्रेरणा बनी सरोज मिस्त्री…!

कंडक्टर का बच्चा भी जीतोड़ मेहनत करे तो कलेक्टर बन सकता है- सरोज मिस्त्री*

#Jhabuahulchul 

झकनावदा@नारायण राठौड़ ✍🏻 

झाबुआ जिले के ग्राम झकनावदा में ननिहाल में शांतिलाल मिस्त्री के घर रहकर कु.सरोज मिस्त्री ने नाना-नानी की सेवा के साथ साथ अपनी कक्षा १ ली से १२ वीं तक शिक्षा झकनावदा में प्राप्त की ।

धार पीजी कॉलेज में रही टापर…

सरोज मिस्त्री ने स्नातक बायोटेक्नॉलजी कम्प्यूटर साइंस पीजी कॉलेज धार से किया। बाद स्नाकोत्तर रसायन विज्ञान से विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में सरोज कों स्वर्ण पदक से भी नवाज़ा गया।

२०१८ से की थी तैयारियां शुरू…

सरोज ने बताया कि मेरे द्वारा वर्ष २०१८ में MPPSC पहले ही प्रयास में प्रारंभिक परीक्षा की। बाद किसी कारणवश मुख्य परीक्षा उत्तीर्ण नहीं हो पाई । फिर भी मैंने हार ना मानते हुए प्रयास जारी रखा। और आख़िर वर्ष २०२२ परीक्षा का साक्षात्कार नवंबर २०२४ में दिया जिसका परिणाम जनवरी २०२५ में आया जिसने मेरा द्वितीय श्रेणी की अधिकारी के रूप में चयन हुआ।

इन्होंने किया स्वागत सत्कार…

असिस्टेंट कमिश्नर वित्त पद हासिल करने के बाद झकनावदा प्रथम नगर आगमन पर सरोज मिस्त्री का नगर में पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया तो वही ब्राह्मण समाज,सकल जैन समाज,सीरवी समाज,स्वर्ण समाज,राठौड़ समाज, मिस्त्री समाज,अरोड़ा समाज,कुमट परिवार,जोशी परिवार,भांगू परिवार द्वारा साल साफा बंधवाकर माला पहनाकर स्वागत किया गया। साथ ही सरोज को सभी ने बधाईयां दी।

द्वितीय श्रेणी अधिकारी के चयन के बाद ननिहाल में प्रथम आगमन पर हुआ भव्य स्वागत…

सरोज मिस्त्री जब परीक्षा उत्तीर्ण कर अपने ननिहाल झकनावदा पंहुची तो सरोज का बड़ी संख्या में एकत्रित उनके परिजनों,उनकी सखियों एवं नगरवासियों ने पुष्प वर्षा कर माला पहनाकर कर भव्य स्वागत किया। वही सरोज आज के सोशल मीडिया इंस्टाग्राम, फेसबुक,वाटसअप,टेलीग्राम आदि के इस दौर में अन्य लड़कियों के लिए भी मिशाल बनी। इस दुनिया से भी एक लड़की के लिए एक अलग दुनिया होती है जहां मान सम्मान के साथ साथ अपने माता पिता नाना नानी का नाम रोशन किया जा सकता है । सरोज से अन्य लड़कियों को सीख लेनी चाहिए और अपनी बेटियों को पढ़ा लिखा कर उन्हें आगे बढ़ाना चाहिए ताकि उनकी बेटी भी आगे कुछ बने और अपने करियर के साथ साथ अपने समाज परिवार का नाम रोशन करे।

कड़ी मेहनत से कंडक्टर का बच्चा भी कलेक्टर बन सकता है

असिस्टेंड कमिश्नर वित्त के पद पर निर्वाचित सरोज मिस्त्री ने अपनी पढ़ाई का जिक्र करते हुए कहा कि मेहनत से पीछे नहीं हटना चाहिए जो मेहनत करता है उसकी कभी हार नहीं होती । आप यह नहीं सोचे की कोई कंडक्टर का बेटा है तो कलेक्टर नहीं बन सकता है।सपने बड़े देखो तो मुकाम हासिल कर सकते है।

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