
#Jhabuahulchul
खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया
स्वास्थ्य को स्वस्थ रखने के लिए सफाई का योगदान हमेशा रहता है ओर अगर सफाई ही ना हो तो लोगो के स्वास्थ्य पर खासा पूरा प्रभाव पड़ता है। वर्तमान में खवासा की लचर सफाई व्यवस्था से आमजन में बीमारियों का भय अधिक बना हुआ है। सफाई व्यवस्था से अनभिज्ञ सरपंच केवल कुर्सी पर बैठकर समय गवा रहे है ना तो वार्डो में अच्छी सफाई हो पा रही है और न ही जाम नालियों को दुरुस्त किया जा रहा है, इस कारण मच्छरों की भरमार होने के साथ ही मलेरिया , डेंगू होने का भय आमजन को सता रहा है। वही ग्राम पंचायत की उदासिनता से साफ सफाई के अभाव में आम लोगों को गंदगी के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
नगर बड़ा ,सफाईकर्मी मात्र दो
ग्राम पंचायत में सफाई कर्मचारियों के नाम पर दो सफाई कर्मचारी पदस्थ है, जिनसे यहां की सफाई व्यवस्था संभलती नही है। पूरे नगर की सफाई व्यवस्था का जिम्मा मात्र दो सफाईकर्मियों पर जरूर है लेकिन प्रतिवर्ष सफाई के नाम पर हजारों रुपए खर्च होना दर्शाकर पल्ला झाड़ लिया जाता है। दिन प्रतिदिन गंदगी बढ़ती जा रही है समय पर साफ सफाई न होने इस कदर गंदगी चपेट में आ चुके हैं की यहां के लोगो का जीना मुश्किल है।
आखिर क्यों नही जागते जिम्मेदार…!
नगर की अव्यवस्थाओ को लेकर स्थानीय पत्रकारों द्वारा समय-समय पर उजागर किया है, लेकिन उसके बावजूद नगर की व्यवस्थाओं में कोई सुधार नही होना समझ से परे है। गांव मुखिया केवल पंचायत भवन तक ही सीमित है, बाकी नगर की व्यवस्थाओं में ग्रहण काफी समय से लगा हुआ है। मामला चाहे निविन दुकानों की नीलामी का हो, शौचालय का हो, नगर में फैली अथाह गंदगी का हो या पानी की अन्य मूलभूत सुविधाएं जो हर आम जनता अपने जनप्रतिनिधियों से चाहती है, ऐसी कोई सुविधा इस नगर में नही है। अब जनता केवल यहां के जनप्रतिनिधियों को कोसती नजर आ रही है और उच्च अधिकारियों से मांग कर रही है कि यहां की व्यवस्थाओं में सुधार होना चाहिए।