
#Jhabuahulchul
रायपुरिया@राजेश राठौड़
बढ़ती गर्मी के साथ ही जंगलों में पानी के स्रोत सूखने लगे हैं, जिससे पक्षियों को पानी और दाना मिलने में कठिनाई हो रही है। ऐसे में पक्षियों का रुख अब गांवों की ओर बढ़ने लगा है। ग्रामीण भी इन पक्षियों की जरूरतों को समझते हुए उनके लिए दाना-पानी की व्यवस्था करने लगे हैं।
ग्राम रायपुरिया के मांगीलाल भारती बताते हैं कि गौरैया चिड़िया हर सुबह उनके आंगन में झुंड के झुंड पहुंचती हैं। उनकी चहचहाट से ही उन्हें आभास हो जाता है कि दाना डालने का समय हो गया है। जैसे ही वे दाना डालते हैं, पक्षी खुशी-खुशी उसे चुगने लगते हैं। साथ ही, उन्होंने पक्षियों के लिए एक छोटे से हौद में पानी भी भरकर रखा है ताकि वे आसानी से अपनी प्यास बुझा सकें।
गर्मियों में पानी की तलाश में पक्षी घरों के अंदर तक आ जाते हैं, जिससे ग्रामीणों को सावधानी बरतनी पड़ती है। मांगीलाल जी बताते हैं कि कई बार गौरैया घर के अंदर आ जाती हैं, जिससे उन्हें तत्काल पंखे बंद करने पड़ते हैं ताकि कोई दुर्घटना न हो। दिन में तीन-चार बार ये पक्षी पानी और दाना लेने आते हैं, जिससे ग्रामीणों को भी बहुत आनंद मिलता है।
झाबुआ हलचल आम जनता से अपील करता है कि वे भी इन बेजुबान पक्षियों के लिए अपनी छतों और आंगनों में दाना-पानी की व्यवस्था करें। प्रकृति का संतुलन बनाए रखने के लिए पक्षियों का संरक्षण बेहद जरूरी है। गर्मी के इस मौसम में उनकी मदद करके हम एक नेक पहल कर सकते हैं।