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करवड़@डेस्क रिपोर्ट
करवड़ में आवारा पशुओं की समस्या दिन-ब-दिन गंभीर होती जा रही है। सोमवार सुबह एक आवारा सांड के हमले में एक महिला गंभीर रूप से घायल हो गई। लेकिन हैरानी की बात यह रही कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उसका समुचित उपचार नहीं किया गया, जिसके कारण परिजनों को मजबूरन प्राइवेट अस्पताल में इलाज कराना पड़ा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, करवड़ निवासी कलावती मालवीय जब अपने घर जा रही थीं, तभी एक आवारा सांड ने उन पर हमला कर दिया। यह सांड लंबे समय से नगर में खुलेआम घूम रहा था और पहले भी कई लोगों को घायल कर चुका है। स्थानीय दुकानदारों ने तत्परता दिखाते हुए घायल महिला को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया।
अस्पताल में लापरवाही के आरोप
स्वास्थ्य केंद्र में मौजूद डॉक्टर विमिला सिंगाड़ पर परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि डॉक्टर ने मरीज का समुचित उपचार नहीं किया और बिना नाम व उम्र लिखे ही केवल दवा की चिट्ठी पकड़ा दी। इतना ही नहीं, उन्होंने सिस्टर को मात्र ड्रेसिंग करने का निर्देश दिया, लेकिन वहां ड्रेसर की अनुपस्थिति के चलते मरीज को पेटलावद सिविल अस्पताल जाने की सलाह दे दी गई। स्थिति को देखते हुए परिजनों ने महिला को प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया।
ग्रामीणों में आक्रोश
ग्राम करवड़ के नागरिकों, विशेषकर प्रदीप मालवीय सहित कई लोगों ने आरोप लगाया है कि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के दौरान लापरवाही बरती जाती है। उनका कहना है कि डॉक्टर विमिला सिंगाड़ मरीजों से दुर्व्यवहार करती हैं और कई बार शिकायत करने के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं होती।
डॉक्टर का पक्ष
जब ‘झाबुआ हलचल’ ने इस मामले पर डॉक्टर विमिला सिंगाड़ से चर्चा की, तो उन्होंने बताया कि घायल महिला उनकी पहचान की थी और वह गंभीर रूप से घायल नहीं थी। उन्होंने यह भी कहा कि उनका मोबाइल घर पर रह गया था, जिसके कारण वे उसे लेने घर चली गई थीं।
प्रशासन से उचित कार्रवाई की मांग
इस घटना के बाद से ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है। वे प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि आवारा पशुओं की समस्या का जल्द समाधान किया जाए और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में व्याप्त अव्यवस्थाओं को सुधारा जाए। यदि शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो ग्रामीण विरोध प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे।