
#Jhabuahulchul
खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया/आयुष पाटीदार
शुभ मुहूर्त मे नगर की सुहागिन माता बहने सज धज कर स्थित प्राचीन शंकर मंदिर पर पीपल के वृक्ष पर पहुंच कर सभी सुहागिनों माता बहनों द्वारा पीपल रूपी वृक्ष में भगवान विष्णु, लक्ष्मी जी की पूजन पाठ कर परिक्रमा कर के दशा मां के धागे को पीपल में स्पर्स करा कर अपने घर परिवार में सुख ,शांति समृद्धि, सौभाग्य ,धन संपत्ति की मनोकामनाए कर धागे में दस गठान बांध कर गले में डोरा धारण कर लिया जाता है , जिससे कि अपने घर की दुर्दशा दूर रहे और अच्छी सी बनी रहे ,घर में शांति का वातावरण बना रहे। जिसमें दशा माता पर्व पर कथा वाचक पंडित अशोक व्यास, संजय व्यास द्वारा सभी माताओं बहनों को मां दशा की कथा का श्रावण करवाया गया। अलसुबह से मंदिर परिसर में माता बहनों की भीड़ देखने को मिली।
महिलाएं नए वस्त्र व आभूषण धारण कर, पूजा की थाली और जल का लोटा हाथ में लेकर पीपल वृक्ष की पूजा के लिए पहुंचीं। परंपरा के अनुसार, वृक्ष के चारों ओर सूत का धागा बांधने के बाद उसे दस गांठ लगाकर गले में धारण किया जाता है, जिससे अखंड सौभाग्य की कामना की जाती है।
नवविवाहिताओं का पहला व्रत
इस वर्ष नवविवाहिताओं ने पहली बार दशा माता का व्रत धारण किया। उन्होंने अपने सास-ससुर का आशीर्वाद लिया और अखंड सौभाग्य की प्रार्थना की। व्रत के दौरान सभी सुहागिनों ने पूरे दिन उपवास रखा और पूरे श्रद्धा भाव से पूजा संपन्न की।