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#Jhabuahulchul
रायपुरिया@राजेश राठौड़
संत शिरोमणि रविदास महाराज की 648वीं जयंती गांव में हर्षोल्लास और श्रद्धा के साथ मनाई गई। इस अवसर पर समाजजनों द्वारा विशाल शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें आसपास के छह गांवों के श्रद्धालु बड़ी संख्या में शामिल हुए। शोभायात्रा में संत रविदास जी की भव्य तस्वीर को सुसज्जित रथ में विराजित किया गया, जिसे बैंड-बाजों की मधुर ध्वनि के साथ पूरे गांव में घुमाया गया।
यात्रा के दौरान श्रद्धालु भक्ति गीतों पर झूमते नजर आए। शोभायात्रा गांव के प्रमुख मार्गों से गुजरते हुए रविदास मंदिर प्रांगण पहुंची, जहां समाजजनों ने श्रद्धापूर्वक महाआरती की। पूरे मार्ग में विभिन्न स्थानों पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर शोभायात्रा का स्वागत किया। समाज के युवा, बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे एक जैसे पारंपरिक वेशभूषा में नजर आए, जिससे समर्पण और एकता का संदेश झलक रहा था।
मंदिर परिसर में महाआरती के बाद सभी भक्तों को प्रसाद वितरण किया गया। इस अवसर पर वक्ताओं ने संत रविदास जी के जीवन और उनके आध्यात्मिक संदेशों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि संत रविदास जी ने समाज में समता, प्रेम और आध्यात्मिकता का संदेश दिया, जिसे हमें अपने जीवन में आत्मसात करना चाहिए।
समारोह में विभिन्न समाजसेवी, गणमान्य नागरिक और स्थानीय प्रशासन के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे। आयोजन को सफल बनाने में समाज के सभी सदस्यों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस भव्य आयोजन ने संत रविदास जी के आदर्शों को जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया और सभी को सामाजिक एकता और सद्भाव का संदेश दिया।