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बामनिया@जितेंद्र बैरागी
स्कूटर योजना में पात्रता की सूची में आने के बाद अपात्र हो कर नाम काटना। जानकारी के अभाव में भूल हो सकती है। परंतु योजना में पात्रता वेरीफिकेशन हो कर योजना का लाभ मिलने के बाद करीब 10 दिनों के पश्चात। दी गई सामग्री (स्कूटर)लेना यह अधिकारियों की घोर लापरवाही का प्रमाण दर्शाती है।
यह मामला थांदला विकासखंड के कुकड़ीपाड़ा हाई स्कूल का है। जिसमें मनोज कटारा ने जानकारी देते हुए बताया। कक्षा 12 में अच्छे अंक से उत्तीर्ण होने पर मुझे सरकारी योजना के अंतर्गत संबंधित सभी कागज लेने के बाद मेरे घर पर आकर कंपनी वालों ने स्कूटर दिया था। जिसके 10 दिन बाद मुझे फोन कर बताया था। कि आपका फोटो लेना है।आप बामनिया आ जाओ। बात करने के बाद मैं तुरंत बामनिया पहुंचा। जहां पर कंपनी वालों ने मुझे स्कूटर लेते हुए कहा आपके खाते में राशि नहीं आईं बोलते हुए वापस घर जाने को कह दिया। आपको बता दें की मनोज करीब 80% विकलांग है।
थांदला विधानसभा के विधायक प्रतिनिधि गुड्डू मुनिया ने कहा कि कुकड़ी पाड़ा हाई स्कूल में स्कूटर वितरण योजना को लेकर और भी बच्चों की शिकायत मिली है। इस विषय में विधायक प्रतिनिधि ने कहा झाबुआ जिले में वितरण योजना की एक बार पुनः निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। जिसमें पात्रता वाले विद्यार्थियों को योजना का लाभ मिले।