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खवासा@आनंदीलाल सिसोदिया/आयुष पाटीदार
खवासा। स्वास्थ्य विभाग की एक बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में विद्युत विभाग का कर्मचारी मरीजो का इलाज कर रहा है। ग्रामीण अंचल से आने वाले मरीजों को बकायदा बॉटल चढ़ाकर उनसे भारी भरकम राशि भी वसूली जा रही है। नियमो के अनुसार शासकीय अस्पताल में आने वाले मरीजों को सरकार द्वारा मुफ्त इलाज, दवाइयां जैसी तमाम प्रकार की सुविधा मुहैया उपलब्ध है लेकिन झाबुआ जैसे आदिवासी आंचल में सरकारी नौकरशाह गरीबों के साथ भेदभाव करते हुए इलाज के नाम पर राशि वसूल रहे है।
सरकारी अस्पताल परिसर में निजी इलाज…
खवासा ग्रामीण अंचल के लोग सरकार की योजनाओं का लाभ लेने हेतु सरकारी अस्पतालों में इलाज के लिए पहुंचते हैं लेकिन उनका इलाज सरकारी खर्च पर ना करते हुए डॉक्टर अपने निजी निवास स्थान जो की अस्पताल परिसर में ही स्थित है वहां पर करते हैं और बाजार से दवाइयां मंगवा कर निजी निवास पर बोतल आदि चढ़ाते हैं। यहां तक की सरकारी दवाइयां का खर्च भी मरीज से वसूल किया जाता है इलाज के लिए मजबूरन मरिज डॉक्टरों द्वारा बताई गई फीस देते हैं। जबकि सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं के नाम पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करती है।
जनप्रतिनिधि सक्रिय, अधिकारी निष्क्रिय…
खवासा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की अव्यवस्थाओं को लेकर लगातार जनप्रतिनिधियों के पास शिकायत पहुंच रही थी वही इस मामले को लेकर पंचायत के उपसरपंच मनोहर बारिया ने अस्पताल परिसर में जाकर देखा तो सरकारी डॉक्टर के निवास स्थान पर मरीज को बोतल चढ़ाई जा रही थी जब उनके द्वारा पूछा गया कि सरकार दवाई है तो मुफ्त दे रही है तो फिर आप मरीजों से पैसा क्यों वसूल रहे हो और डॉक्टर के स्थान पर अन्य लोग इलाज कर रहे हैं तो वहां पर मौजूद एक महिला ने कहा कि डॉक्टर ने इन्हें कम पर रखा है और उनका सारा काम यही करते हैं हमारे पास आगे से कोई दवाई है नहीं आती है इसलिए बाजार से मंगाकर मरीजों का इलाज करते हैं।
मरीजों की जान के साथ हो रहा खिलवाड़…
सरकार की मुफ्त योजना और अच्छे इलाज के लिए मरीज सरकारी अस्पतालों में जाते हैं लेकिन वहां डॉक्टर के द्वारा इलाज न करते हुए अन्य आउटसोर्स कर्मचारी द्वारा इलाज किया जाता है बकायदा मरीजों की बोतल चढ़ाई जाती है और इंजेक्शन आदि भी बिना डिग्री धारी व्यक्ति द्वारा चढ़ाई जाती है इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आदिवासी बाहुल्य जिले में स्वास्थ्य सुविधाएं कितनी बेहतर है और यहां के लोगों को किस तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही है। मामला स्वास्थ्य से जुडा होकर गंभीर है इसलिए जिले के आला अधिकारियों को हस्तक्षेप करते हुए मामले में निष्पक्ष कार्रवाई किया जाना चाहिए।